रांची : झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय की बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसमें दर्जनों छात्र-छात्राएं व कई कर्मचारी सवार थे मनातू कैंपस से बस रोज की तरह छात्रों को लेकर निकली लेकिन करीब 400 मीटर के बाद बस जर्जर सड़क में फंस की । ड्राईवर की सुझबुझ ने बस को पटलने से बचा लिया । जिसके बाद छात्रों को बस से कूदकर जान बचानी पड़ी क्योंकि दरवाजे की तरफ दस फीट गड्ढा था कुछ छात्रों को हल्की चोटें आई हैं।
गौरतलब है की बस को निकालने के लिए क्रेन की जरुरत होती इसलिए दूसरे बस से सभी छात्रों को उनके गन्तव जर्जर सड़क की मरम्मती को लेकर विश्वविद्यालय ने कई बार राज्य सरकार व प्रशासन को पत्रचार किया लेकिन आजतक कुछ नहीं हो पाया ।इससे पहले नेहा नाम की इंजिनियर की मौत इसी सड़क पर दुर्घटना में हुई थी। आए दिन विश्विद्यालय की इस जर्जर सड़क पर दुर्घटनाएं होती रहती है लेकिन आज अगर बस पलट जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था । देशभर से विद्यार्थी सीयूजे में अपना नामांकन कराते हैं इस दौरन परिजन भी सड़क को लेकर चिंता जताते हैं लेकिन प्रशासन के कान पर जूं नहीं रेंग रही है जो चिंताजनक है। ऐसी स्थिति में सुरक्षित बस का परिचालन विश्वविद्यालय कैसे करे ये चिंता का सबब बना हुआ है नए सत्र में दाखिला लेने वाले छात्रों में ज्यादा भय का माहौल है रिंग रोड से मात्र एक ग्रामीण सड़क सीयूजे परिसर तक जाती है जिसमें इतने गडढे हैं जिसकी वजह से बैट्री ई रिक्शा या सामान्य ऑटो का परिचालन संभव नहीं हो पाता है जिसकी वजह से कई छात्रों को दो किलोमीटर का सफर पैदल करना पड़ता है भारी बारिश के बीच इस सड़क की हालत बद से बदतर हो गई है ऐसे में देशभर में सीयूजी की छवि कैसे अच्छी बनी रह पाएगी क्योंकी किसी भी संस्थान को प्रारंभिक तौर पर बेहतर सड़क चाहिए होती है