रांची : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हरमू मैदान में संकल्प यात्रा के समापन समारोह में झारखंड की अत्याचारी और भ्रष्टाचारी हेमंत सोरेन सरकार को उखाड़ फेंकने का शंखनाद किया। उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार जो तुष्टिकरण से युक्त हो, भ्रष्टाचार से युक्त हो, अनाचार से युक्त हो, उस सरकार को हम नहीं रहने देंगे। ये संकल्प लेकर हमें चलना होगा।
हेमंत सोरेन ने जनजातियों के नाम पर वोट मांगा और जनजातियों का जितना नुकसान इन्होंने किया उतना किसी और ने नहीं किया। वोट की राजनीति के लिए धर्मांतरण पर आंख मूंद ली, ये बताता है कि हेमंत सोरेन को आदिवासियों की संस्कृति की नहीं सिर्फ वोट की चिंता है। कभी आप लोगों ने देखा कि कोई मुख्यमंत्री खुद के नाम पर जमीन का टेंडर निकलवाता है , कभी किसी ने देखा कि कोई जमीन हड़पने के लिए अपने माता-पिता का नाम ही बदल देता है परंतु झारखंड में ऐसा हुआ है और मैं खुलेआम मंच से आरोप लगा रहा हूं। किसी में ताकत है तो इस बात को गलत साबित करके दिखाएं। ऐसे ऐसे घोटाले झारखंड में हुए हैं। यह एक ऐसी सरकार है जहां न महिलाओं का सम्मान है। यह सरकार केवल आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। जहां सीएम के पीछे ईडी पड़ी हुई है और सीएम भागे भागे फिर रहे हैं और तारीख पर तारीख मांग रहे हैं। यह ऐसी सरकार है जहां शराब, लैंड और सैंड माफिया दन दना रहे हैं झारखंड में तुष्टिकरण चरम पर है। मंदिर और मूर्तियां टूट रही है परंतु कोई एक्शन नहीं होता। महादेव की बारात को रोकी जा रही है पुलिस मूक दर्शक है। झारखंड की क्या स्थिति हो गई है जब मुंडा, बाबूलाल और रघुवर का राज था तब नक्सली पर काबू था आज नक्सली आतंक मचा रहे हैं घटनाएं बढ़ी है। पुलिस रक्षक की बजाय भक्षक बन गई है महिलाओं के साथ उत्पीड़न और अनाचार, बलात्कार किया जा रहे हैं। स्कूल के गेट से नाबालिग को उठाया जा रहा है। यह जंगलराज नहीं तो क्या है। झारखंड में जो जमीन घोटाला हुआ है इतिहास में ऐसा नहीं हुआ। ट्रांसफर पोस्टिंग का धंधा चालू है। केंद्र की मोदी सरकार ने झारखंड को आगे बढ़ाने का काम किया लेकिन यहां की निक्क्मी सरकार ने कांग्रेस के साथ मिली भगत कर यहां का विकास काम ठप कर दिया है। आदिवासियों की चर्चा तो बहुत लोगों ने की लेकिन जनजातीय गौरव दिवस 15 नवंबर को भगवान बिरसा की जन्म जयंती पर अगर किसी ने स्थापित किया तो वह प्रधानमंत्री मोदी ने किया उत्तरांचल और वनांचल की लड़ाई लंबे समय से चल रही थी लेकिन दिल्ली में बैठे कांग्रेस के नेताओं के कानों में कभी जूं तक नहीं नहीं रेंगा । कभी उन लोगों ने लोगों की भावनाओं का कद्र नहीं किया लेकिन जब वाजपेई जी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने यहां झारखंड और उत्तर प्रदेश में उत्तराखंड की स्थापना कर नए प्रदेश बनाएं। कहने वाले कुछ भी कहें परंतु झारखंड के साथ भाजपा और अटल जी सदैव याद किए जाएंगे। यही नहीं, झारखंड की संस्कृति, कल्चर, कार्य संस्कृत को संरक्षित करने का काम, उसको गौरव का स्थान देने का काम सिर्फ बीजेपी सरकार ने किया है। हेमंत सोरेन की सरकार तो जनता के माध्यम से इस बार चली ही जायेगी परंतु लोगों को बताना होगा कि भाजपा की सरकार और भाजपा के कार्यकर्ता जब सत्ता पर बैठते हैं तो लोगों की सेवा के लिए बैठते हैं, लोगों के काम करने के लिए बैठते हैं, झारखंड की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिए बैठते हैं। लेकिन जब झामुमो कांग्रेस के लोग सत्ता पर बैठते हैं तो वो अपनी सेवा के लिए बैठते हैं, मेवा खाने के लिए बैठते हैं। कुर्सी गर्म करके तिजोरी गर्म करने के लिए बैठते हैं। भाजपा और अन्य दलों में यही अंतर है। मोदी जी ने झारखंड को मुख्य धारा में लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 2014 में जहां 2402 किलोमीटर nh सड़क थी। 2022 में 7791 किलोमीटर की नेशनल हाईवे सड़क बनी। बीजेपी के सांसद को आपने यहां से भेजा उन्होंने झारखंड की पूरी चिंता की। 103 किलोमीटर की एनएच 33 का उद्घाटन करके जनता को समर्पित किया। मैंने अपने स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल में 1100 करोड़ की लागत से देवघर का ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज बनाकर दिया। 4 साल के अंदर मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हुआ प्रधानमंत्री जिसका शिलान्यास करते हैं उसका उद्घाटन भी करते हैं। कहने का मतलब है कि जो काम झारखंड सरकार के हाथ पड़ा उसका बंटाधार हो गया और जो काम मोदी के हाथ लगा उसमें चमक आ गई। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, रांची रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण, जसीडीह बाईपास का न्यू लाइन का काम, गोड्डा में कोच मेंटेनेंस का डिपो, गढ़वा, महुरिया में रेलवे ट्रैक को डबल किया जा रहा है। एक लाख करोड रुपए सिर्फ रोड कंस्ट्रक्शन पर खर्च हो रहा है। पीएम आवास में पैसा केंद्र ने दिया परंतु झारखंड में उसका काम धीमा है गरीब कल्याण योजना में भ्रष्टाचार व्याप्त है। मैंने दोनों सरकार का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रख दिया है। पीएम आवास, इज्जत घर का पैसा अगर आप चाहते हैं खर्च हो तो झारखंड में कमल खिलाना होगा और इस सरकार को उखाड़ फेंकना होगा। काम करने वाले और भ्रष्टाचार करने वाले नेता की तासीर अलग-अलग होती है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं और नेत्रियों की आदत है कि चुनाव आता है, तो राजनीतिक टूर पर निकल जाते हैं। अभी अभी कांग्रेस की नेत्री राजस्थान गई हैं, कल कहीं और जाएंगी। राजस्थान में गहलोत सरकार के दौरान महिलाओं पर जितना अत्याचार हुआ उसे भूला नहीं जा सकता है, लेकिन तब ये राजस्थान नहीं गईं। कभी उन नारियों की चिंता नहीं की, कभी नारी सशक्तिकरण की बात नहीं की लेकिन चुनाव आया तो जाना ही है। वही एक एक कांग्रेस नेत्री पर इलेक्शन कमिशन में कंप्लेंट हुई है। इस नेत्री ने इसी साल 28 जनवरी को भगवान देवनारायण के 1111 वे अवतरण दिवस के मौके पर आदरणीय मोदी जी की छवि को गुप्त दान पत्र में पैसे डालने को लेकर खराब करने की कोशिश की गई। जबकि मंदिर के पुजारी ने इस प्रकार के किसी भी घटना से साफ इनकार किया है। ये चुनावी टूर वाले नेता को भगवान की आस्था क्या जानें। क्या कभी इन लोगों ने किसी मंदिर का पुनर्निर्माण या नवनिर्माण करवाया है, मंदिरों की रक्षा के लिए दो शब्द कभी बोले हो। इनकी धार्मिक आस्था इलेक्शन टूर से जुड़ी हुई रहती है। इसके बाद उनकी यात्रा समाप्त हो जाती हैं। हम भक्ति भाव से मंदिर जाते हैं और इनका मन धन से जुड़ा होता है। जिस प्रकार चावल की एक दाने से चावल की किस्म का पता चलता है उसी प्रकार नेता के एक शब्द से नेता के संस्कार का पता चलता है। जब अभिनेत्री भाषण दे रही थी तो उन्होंने कहा कि यह जो मंदिर में डब्बा होता है, यही उनके संस्कार हैं। हम जिसे दानपत्र कहते हैं वह इसे डब्बा कहती हैं। ये जो सुडो सेकल्यूरिस्ट हैं , ये लोग संस्कृति के नाम पर संस्कृति का अपमान करते हैं। चिंतनीय विषय है कि नेतृत्व किस हल्केपन की तरफ जा रहा है। ऐसे लोगों , दलों के चेहरे से नकाब उतारने की जरूरत है। भारत की राजनीति में दृष्टि साफ होनी चाहिए। संस्कारों के साथ उन्हें आगे बढ़ना चाहिए। ये फरेब करने वाले, झूठ बोलने की राजनीति करने वाले को घर बिठाने का समय आ गया है। और जो लोग इमानदारी से काम कर रहे हैं उनका काम देने का यह समय है। 81 में से 75 विधानसभा में कार्यक्रम पहले हो चुका है। आज 6 विधानसभा के लोग यहां पर आए हैं। इस प्रकार राज्य के सभी विधानसभा का संकल्प यात्रा संपन्न हो चुका है। जिस प्रकार से जनता ने आशीर्वाद दिया है और जो जनसैलाब यहां आया है यह बताता है कि झारखंड की जनता ने फिर से यहां से कमल खिलाने का संकल्प ले लिया है। उन्होंने संकल्प यात्रा के लिए बाबूलाल मरांडी, उनकी पूरी टीम, कार्यकर्ताओं और आम जनता को दिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी और भाजपा ने सही समय पर संकल्प यात्रा निकाल कर जनता को जागृत करने का काम किया है। इसके पूर्व श्री नड्डा ने भगवान बिरसा की पवित्र भूमि पर आयोजित यात्रा में शामिल होने को अपना सौभाग्य बताया और उन्होंने झारखंड के सभी महापुरुषों को नमन किया।