झारखण्ड : चारा घोटाला मामले में पिछली सुनवाई में 124 आरोपियों में 35 आरोपियों को सबूतों के आभाव में रिहा कर दिया गया था. इस बार की सुनवाई में कोर्ट ने अपना आखरी निर्णय सुना दिया. सीबीआई के विशेष न्यायधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत में 36 आरोपित दोषियों को चार-चार साल की सजा सुनाई गई है. जिसके साथ- साथ भरी जुर्माना 75 हज़ार से लेकर 1 करोड़ तक का लगाया गया है. तत्कालीन जिला पशुपालन अधिकारी गौरी शंकर प्रसाद पर 1 करोड़ का जुर्माना तथा अन्य सभी पर तीन- तीन लाख का जुर्माना लगा है.
पूरा मामला क्या :
डोरंडा के कोषागार से जुड़े चारा घोटाले में 36.60 करोड़ रूपये की अवैध निकासी मामले में इससे पहले की सुनवाई में 124 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 53 आरोपियों को दो से तीन साल की सजा सुनाई गई थी. जबकि बाकि अन्य 35 आरोपियों को पुख्ता सबूत न होने के कारण रिहा कर गया था.
किन-किन लोगों के नाम आए सामने:
चारा घोटाला मामले में बजट एवं लेखा पदाधिकारी, पशुपालन विभाग पदाधिकारी, पशु चिकित्सक और आपूर्तिकर्ता सहित 124 लोगों के नाम सामने आए है. जिनमें डॉ. गौरीशंकर प्रसाद, डॉ. रवींद्र कुमार सिंह, डॉ. फणींद्र कुमार त्रिपाठी, नित्यानंद कुमार सिंह, डॉ. जुनुल भेंगराज, डॉ. के. एम. प्रसाद, डॉ. राधा रमण सहाय, सप्लायर महेंद्र प्रसाद, देवेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, अशोक कुमार यादव, रामनंदन सिंह, डॉ. बिजयेश्वरी प्रसाद सिन्हा, अजय कुमार सिन्ह राजन मेहता, रविनंदन कुमार सिन्हा उर्फ रवि कुमार सिन्हा, राजेंद्र कुमार हरित, अनिल कुमार, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, दयानंद प्रसाद कश्यप, शरद कुमार, मो सईद, मो. तौहिद, संजय कुमार, रामाशंकर सिंह, उमेश दुबे, अरुण कुमार वर्मा, श्याम नंदन सिंह, मोहिंद्र सिंह बेदी, प्रदीप कुमार चौधरी, सत्येंद्र कुमार मेहरा, मदन मोहन पाठक और प्रदीप वशिष्ठ उर्फ प्रदीप कुमार डॉ. अजीत कुमार वर्मा, सुशील कुमार सिन्हा और जगमोहन लाल कक्कड़ शामिल हैं।