झारखंड के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने राज्य में व्याप्त सत्ता पुलिस प्रशासन के गठजोड़ से व्याप्त आतंक को लेकर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
सरकार पर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की तर्ज पर सत्ता पुलिस गठजोड़ के राज्य को आतंकित करने का आरोप लगाया। पश्चिम बंगाल की दुर्गति में सत्ताधारियों के साथ साथ वहां के कुछ अधिकारियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पुलिस-सत्ता गठजोड़ से किेये गये अत्याचार एवं आतंक से जुड़े छोटे-बड़े क़रीब एक दर्जन मामले की जाँच उच्च न्यायालय के आदेश से सीबीआई कर रही है। झारखंड भी इसी रास्ते पर है।
झारखंड के अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि आपने सत्ता के सह पर पाप करने वाले अधिकारियों का हश्र देख लिया है। कोई जमानत को तरस रहा है तो कोई जेल में तड़प रहा है। उनके परिवारवालों की क्या हालत होगी? यह बताने की ज़रूरत नहीं है।
सीएम अपनी गर्दन और बेहिसाब ज़मीन जायदाद बचाने की चिंता से डर के मारे हॉंफ रहे हैं। उनमें इतनी भी हिम्मत नहीं बची कि वे अबतक पकड़े गये अपने उनलोगों के प्रति संवेदना का एक शब्द भी अपने मुँह से निकाल सकें जो उनके हिसाब से ग़लत काम करने के चलते जेल में हैं।
मरांडी ने कर्मठ अधिकारियों से निवेदन करते हुए कहा कि आप राज्य के सत्ताधारियों की चोरी, डकैती, अपराध, घोटाले और षड्यंत्र के काम में साझेदार न बनें, क्योंकि जब जांच स्वतंत्र एजेंसियां गर्दन पकड़ती हैं तो बचाने वाला कोई नहीं होता। वैसे भी, “साहब” की खुद की गर्दन इतनी बुरी तरह फंसी है तो वह आपको क्या बचाएंगे, मुझे उम्मीद है कि मुर्ख सत्ता की चासनी में जलेबी छान रहे कुछ समझदार लोग पिछले अनुभव से सबक़ लेंगे, मेरे इशारे को समझेंगे और ऐसा अनर्गल काम नहीं करेंगे जो उनके खुद के लिये मुसीबत बन जाये।