केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर चर्चा में हिस्सा लिया। जिसमें उन्होंने भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखे जाने वाले दिन के रूप में कहा क्योंकि इस दिन गणेश चतुर्थी के अवसर पर नई संसद में पहली बार कार्य हुआ और वर्षों से लंबित महिलाओं के आरक्षण का अधिकार देने वाला बिल पेश किया गया। प्रधानमंत्री ने 140 करोड़ की आबादी में 50% हिस्से वाली मातृ । महिलाओं की अधिकारों के लिए चल रही लंबे समय से लड़ाई का अंत हो जाएगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में g20 सम्मेलन में ‘वूमेन लीड डेवलपमेंट’ की परिकल्पना विश्व के सामने रखी और इस विधेयक के पारित होने के साथ ही नई युग की शुरुआत होगी क्योंकि अब इस देश की महिलाएं न केवल नीतियों में भागीदार बनेगी बल्कि नीतियों के निर्धारण में भी अपना योगदान देंगी।शक्ति को सच्चे अर्थों में सम्मानित करने का काम किया है।
महिला सशक्तिकरण मान्यता का मुद्दा :
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कुछ दलों के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक एजेंडा हो सकता है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के लिए महिला सशक्तिकरण मान्यता का मुद्दा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदभार संभालने के दिन से ही महिलाओं की सुरक्षा सम्मान और सहभागिता में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार की श्वास और प्राण बने हुए हैं साथी उनके नेतृत्व में देश में 70 करोड़ लोग लोगों के घरों में बैंक खाता नहीं था प्रधानमंत्री ने जनधन योजना शुरू की और बैंक खाता खोलने का अधिनियम चलाया जिसके परिणाम स्वरुप 52 करोड़ बैंक खाता खोले गए जिनमें से 70% बैंक खाता माता के नाम पर खोले गए हैं उन्होंने कहा जिनकी जेड भारत से जुड़ी है वह महिलाओं को कमजोर खाने की गलती नहीं करेंगे। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहां आज देश में महिला सशक्तिकरण हुआ है और सारी योजनाओं का पैसा सीधे महिलाओं के बैंक खातों में जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों की ओर निशान सादात हुए कहा कि विपक्षी दल ने इस देश में पांच दशकों से अधिक शासन किया देश में 11 करोड़ परिवार ऐसे थे जिनके पास शौचालय नहीं थी गरीबी हटाओ के नारे दिए गए लेकिन गरीबों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जब घर में शौचालय नहीं होता है तो सबसे ज्यादा तकलीफ युवा पुत्री बहन और मां को होती है प्रधानमंत्री ने पहले 5 सालों के अंदर ही 11 करोड़ 72 लाख शौचालय बना दिए जिनमें माता बहनों और बेटियों का सम्मान और सशक्तिकरण हुआ। देश में 10 करोड़ परिवार धुएं में जीने को मजबूत थे लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 10 करोड़ घरों में एलपीजी का मुफ्त कनेक्शन देकर महिलाओं का सशक्तिकरण करने में काम किया। 3 करोड़ से अधिक महिलाओं को उनके नाम पर घर देने का काम किया गया। गृह मंत्री शाह ने कहा कि देश के 12 करोड़ घर ऐसे थे जहां पीने का पानी नहीं था, मोदी सरकार ने 12 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि देश के 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो अनाज फ्री देने का काम प्रधानमंत्री मोदी ने 3 करोड़ 18 लाख सुकन्या समृद्धि खाते खोले, 3 करोड़ महिलाओं को मातृ वंदन योजना के तहत फायदा पहुंचाया और लगभग 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश देने का काम किया। केंद्र मंत्री अमित शाह ने कहा कि दुनियाभर में आज महिला पायलट्स की संख्या 5 प्रतिशत है जबकि भारत में यह 15 प्रतिशत है, इसे सशक्तिकरण कहते हैं।
समाज व्यवस्था की त्रुटि को सुधारने के लिए लाया जा रहा है नारी शक्ति वंदन अधिनियम :
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि महिलाएं, पुरुषों से भी अधिक सशक्त है और इस विधेयक से अब डिसिजन और पॉलिसी मेकिंग में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ये बिल समाज व्यवस्था की त्रुटि को सुधारने, महिलाओं की प्रतिभागिता बढ़ाने और उनका सम्मान करने के लिए लेकर आई है। उन्होंने कहा कि आज ये एक ऐसा मौका है जब इस सदन को पूरे विश्व को एक संदेश देने की जरूरत है कि मोदी जी की “Women-led Development” की कल्पना को पूरा करने के लिए पूरा सदन एकमत है। महिला आरक्षण विधेयक लाने के पहले की सरकारों द्वारा चार प्रयास हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक सबसे पहली बार 1996 में पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा सरकार लेकर आई. इसके बाद इसे सीमा मुखर्जी की अध्यक्षता वाली एक समिति को दे दिया गया और समिति ने अपनी रिपोर्ट भी दे दी लेकिन फिर वो विधेयक कभी इस सदन तक नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की सरकार 1998 में ये विधेयक लेकर आई, लेकिन विपक्ष ने इसे सदन में पेश ही नहीं करने दिया। इसके बाद एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की सरकार बिल लेकर आई लेकिन एक बार फिर इस पर चर्चा नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि इसके बाद फिर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार संशोधन विधेयक राज्य सभा में लेकर आई, जहां पारित होने के बाद ये विधेयक लोक सभा में आ ही नहीं सका।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने पक्ष-विपक्ष सभी से नई शुरूआत में एकत्रित होने का अनुरोध :
केन्द्रीय गृह मंत्री ने पक्ष-विपक्ष के सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि सब एकत्रित होकर इस नई शुरूआत के माध्यम से आज सर्वानुमति से संविधान को संशोधित कर मातृशक्ति को आरक्षण देने का काम करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रावधान के अनुसार संसद में चुनकर आने वाले सदस्यों की तीनों श्रेणियाँ सामान्य (जिसमें ओबीसी शामिल है), अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में मोदी सरकार ने 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दे दिया है। उन्होंने कहा कि इस संविधान संशोधन की धारा 330 (ए) और धारा 332 (ए) के माध्यम से महिला आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही तीनों श्रेणियों में वर्टिकल आरक्षण देकर एक-तिहाई सीटों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि डिलिमिटेशन कमीशन हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया को निर्धारित करने वाली एक महत्वपूर्ण इकाई का कानूनी प्रावधान है और वो नियुक्ति से होता है लेकिन क्वासी ज्यूडिशियल प्रोसीडिंग्स होती हैं। उन्होंने कहा कि इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करते हैं और इसमें चुनाव आयुक्त के एक प्रतिनिधि भी होते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जिन एक-तिहाई सीटों को रिजर्व करना है, उन सीटों का चयन डिलिमिटेशन कमीशन करेगा। ये कमीशन हर राज्य में जाकर ओपन हियरिंग देकर एक पारदर्शी पद्धति से इसके लिए नीति निर्धारण करता है। उन्होंने कहा कि डिलिमिटेशन कमीशन लाने के पीछे एकमात्र उद्देश्य पारदर्शिता लाना है। उन्होंने कहा कि इस कमीशन के गठन से किसी प्रकार की देरी नहीं होगी, चुनाव के बाद जनगणना और डिलिमिटेशन दोनों होंगे और जल्द ही वो दिन आएगा जब इस सदन में एक-तिहाई महिला सांसद बैठकर देश के भाग्य को तय करेंगी।
2014 में अपने पहले भाषण में प्रधानमन्त्री ने कही बातों को सच कर दिखाया :
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मन से पिछड़े वर्ग का कल्याण करने का काम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। उन्होंने कहा कि 2014 में अपने पहले भाषण में प्रधानमन्त्री ने कहा था कि उनकी सरकार दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, महिलाओं की सरकार है। आज देश के 80 करोड़ गरीबों को घर, शौचालय बिजली, पानी, दवाई, गैस सिलिंडर और खाने के लिए अनाज देने के बाद आज महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण मोदी सरकार लेकर आई है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने कभी ओबीसी प्रधानमंत्री नहीं बनाया। गृह मंत्री ने सभी से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस विधेयक का समर्थन करने का अनुरोध किया।