झारखण्ड : सीएम हेमंत सोरेन को जमीन की खरीद बिक्री मामले में अनियमित की जांच प्रवर्तन निदेशालय की टीम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई से पहले समन भेजा गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी उन्हें बार-बार संबंध भेज रही है लेकिन हमेशा किसी न किसी कारणवस अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पा रहे है।
चौथी बार भेजा गया समन :
झारखंड के मुख्यमंत्री तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को चौथी बार समन भेजा गया। 23 सितंबर को सीएम को ईडी के कार्यालय में पूछताछ के लिए आना होगा। पिछली बार के नोटिस में उन्होंने संदेशवाहक के जरिए चिट्ठी भेजी थी जिसमें उन्होंने ईडी के कार्यवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद उन्होंने एक बार फिर समन भेजा गया। दरअसल सीएम ने याचिका दाखिल कर एड के समय पर रोक लगाने की मांग की है। चौथे समन में उनसे जमीन की खरीद बिक्री मामले में पूछताछ की जरूरत है, इसलिए उन्हें 23 सितंबर को ईडी के दफ्तर बुलाया गया है।
9 सितंबर के नोटिस में क्यों नहीं पहुंचे थे सीएम :
9 सितंबर को होने वाले पूछताछ में सीएम हेमंत सोरेन जी 20 समिट के दौरान राष्ट्रपति की ओर से आयोजित रात्रिभोज में सम्मिलित होने नई दिल्ली चले गए। जसकरण वह पूछताछ में शामिल नहीं हो सके साथ ही सीएम ने सुप्रीम कोर्ट में एक हस्तक्षेप याचिका भी दाखिल कर रखी है। उन्होंने कहा बार-बार पूछताछ के लिए बुलाना गलत है।
ईडी मोदी सरकार के इशारे में काम कर रही है :
सीएम ने यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा मोदी सरकार ईडी की शक्तियों का इस्तेमाल कर उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है। सीएम ने नोटिस वापस ले लेने की आग्रह की तथा नहीं लिए जाने पर कानूनी तरीका अपनाने की बात की। इसके बावजूद एड ने एक और समझदारी कर दिया तथा 24 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जहां ईडी के रीजनल ऑफिस नहीं पहुंचे थे। पूछताछ के एक दिन पहले सीएम ने सुप्रीम कोर्ट में रिपीटेशन दाखिल कर केंद्रीय जांच एजेंसी की कार्यवाही को चुनौती दी थी। साथी ही ईडी के समन पर रोक लगाए जाने की मांग की।
मामला सी के कब्जे वाली जमीन की खरीद बिक्री से जुड़ा है :
छोटा नागपुर के आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी के रिपोर्ट के अनुसार रांची में कई जमीन के खरीद बिक्री मामले में अनियमितता की जांच प्रवर्तन निदेशालय की टीम की ओर से की जा रही है। जानकारी के अनुसार मामला सेवा के कब्जे वाली जमीन की खरीद बिक्री से जुड़ा है। रिपोर्ट से पता चला है कि फर्जी नाम पता के आधार पर झारखंड में सेना की जमीन खरीद बिक्री हुई है। जिसमें रांची नगर निगम में प्राथमिकी दर्ज हुई थी जिसके आधार पर ईसीआईआर दर्ज करने के बाद जांच शुरू हुई थी।