रांची: शिक्षा मंत्रालय (एमओई), कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के सहयोग से आगामी 29 और 30 जुलाई, 2023 को एनईपी 2020 की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम का आयोजन कर रहा है, जिसका उद्घाटन माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में किया जायेगा। इसी के तहत भारत में शिक्षा और कौशल ढांचे के पुनर्गठन के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दृष्टिकोण एवं परिकल्पित पहलुओं, प्रावधानों के बारे में जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए,एक प्री-इवेंट आयोजित किया गया.

भारतीय प्रबन्धन संस्थान राँची, प्रो. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने उल्लेख किया कि आई आई एम राँची का उद्देश्य विश्व स्तर पर उन्मुख और स्थानीय रूप से उत्तरदायी होना हैं। उन्होंने आई आई एम राँची द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विजन के अनुरूप की गई पहलों पर प्रकाश डाला और उल्लेख किया कि:
• प्रबंधन में एकीकृत कार्यक्रम का परिचय: आई आई एम् राँची ने एक बहु-विषयक कार्यक्रम प्रदान करने के परिप्रेक्ष्य में प्रबंधन में एकीकृत कार्यक्रम (आई पी एम् ) शुरू किया जिसमें ऐसे पाठ्यक्रम भी शामिल हैं जो छात्रों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लायेंगे |
• विषयों के लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए, महत्वपूर्ण सोच को तैयार करने एवं छात्रों में बहु-विषयक और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए संस्थान ने बहु-विषयक वैकल्पिक पाठ्यक्रम पेश किए हैं, जिसमें सिनेमैटोग्राफी, सुकराती संवाद जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं, जल प्रबंधन, खेल प्रबंधन, नाटक और रंगमंच, कला और चित्रकारी, आदि. इसके अलावा, समग्र विकास के लिए साइंस ऑफ हैप्पीनेस, सस्टेनेबिलिटी, सोशल वर्क और ट्राइब्स इन इंडिया जैसे नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की है| संस्थान ने हाल ही में उद्योग और शिक्षाविदों के नए दौर की जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रमों की समीक्षा एवं अद्यतन किया.
• सामाजिक प्रभाव: सामाजिक प्रभाव को प्राथमिकता देते हुए आई आई एम् राँची के संसाधनों को समाज को समर्पित करने के लिए एवं संस्थान और उसके आसपास के अंतर को पाटने के लिए, संस्थान ने ‘ह्यूमन कनेक्ट’ कार्यक्रम शुरू किया। साथ ही ‘सोशल इंटर्नशिप’ के हिस्से के रूप में “यंग चेंजमेकर्स प्रोग्राम” का संचालन किया गया, जिसमें पूरे देश के छात्रों ने भाग लिया. इस लाइव-केस लर्निंग मॉडल ने छात्रों को आदिवासी गांवों के बारे में जानने, उनकी समस्याओं को समझने और व्यावहारिक समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करने का एक अनूठा तरीका प्रदान किया.
• अपनी रणनीतिक योजना ‘IIM Ranchi @ 2030′ के हिस्से के रूप में’ NEP 2020 के अनुपालन में भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए संस्थान ने “ भारतीय व्यापार प्रणाली ” और “जनजातीय उद्यमिता” पर शोध करने का विचार तैयार किया है.
• कौशल विकास को बढ़ावा देते हुए IIM Ranchi ने कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के साथ सहयोग कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय फैलोशिप को झारखंड एवं तमिलनाडु छेत्र में लागू किया है| एमजीएनएफ के फेलो को कौशल इको-सिस्टम को मजबूत करने के लिए तमिलनाडु और झारखंड राज्य के साथ काम करने के लिए IIM Ranchi को उतर्दयित्वा सौंपा गया है.