झारखंड : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कांग्रेस पर हल्ला बोला उन्होंने कहा कांग्रेस मौजूदा नेतृत्व से जानना चाहते है कि क्या उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड के आदिवासी नेता कार्तिक उरांव के आदर्शों और विचारों को विदेशी ताकतों के इशारे पर दफन कर दिया है। कांग्रेस को अब स्पष्ट कर देना चाहिए कि वह बाबा कार्तिक और उनके विचारों से अन्य मत अपने क्यों व्यक्त कर रही है? 1967 में बाबा कार्तिक उरांव ने लोकसभा में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति आदेश संशोधन विधेयक,1967 पेश करके धर्मांतरित आदिवासियों को आरक्षण की सुविधा से बाहर करने का प्रस्ताव पेश किया था। बहुत वाद विवाद के पश्चात इस पर एक संयुक्त संसदीय कमेटी बनी थी जिसने 1969 में बाबा कार्तिक उरांव के बिल का समर्थन करते हुए अपना प्रस्ताव पेश किया।
जब इंदिरा गांधी के द्वारा 1970ई में बिल को दबाने की कोशिश के विरोध में 348 से ज्यादा सांसदों ने इंदिरा गांधी को पत्र लिखकर इस बिल को पेश करने को कहा था। जिसके बाद दोबारा यह लोकसभा में पेश हुआ। वोटिंग के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपने सांसदों को निर्देश जारी करके संयुक्त संसदीय समिति के प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने का निर्देश दिया था। प्रतुल ने कहा बाबा कार्तिक ने विस्तार से सारी बातों का उल्लेख अपनी पुस्तक ‘ 20 साल की काली रात’ में किया है। आधुनिक युग के कांग्रेसियों को इस पुस्तक को पढ़कर देखना चाहिए जो अंग्रेजों के हुकूमत के इसरे में कार्य कर रही है। बाबा कार्तिक उरांव के विचारों को इन आधुनिक कांग्रेसियों को समझना चाहिए। जिन्होंने हजारों वर्षों से अपने पारंपरिक रीति रिवाज जिंदा रखने वाले आदिवासियों के हित के प्रति अपनी चुपी साध रखी है।