गिरिडीह: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन गिरिडीह जिले के डुमरी के.बी. उच्च विद्यालय में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विकास का बयार 725 करोड़ लागत से 68 करोड़ के लागत से शिलान्यास उद्घाटन किया गया.गौरतलब है कि डुमरी में लगभग 725 करोड़ रुपए से 160 योजनाओं का उद्घाटन एवं लगभग 68 करोड़ लागत से 28 योजनाओं शिलान्यास, लगभग आज 15 हजार लोगों के बीच परिसंपत्ति वितरण किया गया.
सीएम ने कहा कि हम रांची से बैठकर भी सभी योजनाओं को आकलन करते हैं, और सभी विभाग के मंत्रियों को अलग-अलग क्षेत्रों में भेजते हैं आपने कभी सोचा था, की सरकार आपके द्वार में खड़ी होगी और आपकी समस्याओं को जानने का प्रयास करेगी. दो दशक राज्य अलग हुआ कभी BDO,CO आपके दरवाजे पर आया लेकिन वर्तमान आपकी सरकार ने आपके पंचायत में दरवाजे लाकर अधिकारियों को खड़ा किया, और आपकी समस्या का समाधान किया. आज उसी का फलाफल परिणाम है कि जहां गिने-चुने बुजुर्गों पेंशन मिलता था. पर किसी भी गांव में ऐसा कोई बुजुर्ग नहीं है जो 60-65 साल का बिना पेंशन का हो सभी को मिलता है पहले एक या दो विधवा पेंशन मिलता था पर आज कोई ऐसा विधवा नहीं है जिसे पेंशन की राशि नहीं मिल रहा है. इस राज्य में कोई भी दिव्यांग होगा जो सभी दिव्यांगों को टेंशन देने का कानून हमने बनाया. राज्य सरकार सावित्रीबाई फुले योजना के माध्यम से राज्य में लगभग 9 लाख बेटियों को सरकार जोड़ रही है. अभी विधानसभा में पता चला है कि दो- दो मॉडल स्कूल उत्कृष्ट विद्यालय है वह भी बनकर तैयार है नावाडीह अपनी आंखों से देखा और अभी बदरिया गांव में भी उत्कृष्ट विद्यालय बनकर तैयार हुआ है अब हमारा स्कूल प्राइवेट स्कूल से भी अच्छा रहेगा. आज उस उन स्कूलों में जो शिक्षक हैं उन्हें सभी शिक्षकों की ट्रेनिंग हम लोग आई .एम. ए जैसे संस्थाओं में इन बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए भेज रहे हैं. पहले स्कूलों में एक महाशय के सहारे 50- 60 बच्चों को बच्चे को सारे चीजों को देखने के लिए देखना पड़ता था. लेकिन अब ऐसा नहीं है अब प्राइवेट स्कूल के तर्ज पर सभी विषयों का शिक्षक होगा , प्रिंसिपल वाइस प्रिंसिपल भी होगा और प्राइवेट स्कूल की तरह खेल का विषय संगीत का विषय होगा और उन स्कूलों में खेल सामग्री भी उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि बच्चों खेल प्रतियोगिता में भाग ले सकें.
झारखंड राज्य के बड़े पैमाने पर हमारे मजदूर अलग-अलग राज्यों में जाते हैं खास तौर पर महाराष्ट्र में बहुत बड़े पैमाने पर जाते हैं. सीएम ने कहा कि मैं यहां मजदूर साथियों से कहना चाहता हूं बेहतर रोजगार के लिए जरूर जाते थे लेकिन पहले जैसी स्थिति आपकी थी जो आप वहां गए तो आपको पूछने वाला कोई भी नहीं था. आपके ऊपर कोई भी मुसीबत आ जाए तो कोई पूछने वाला नहीं होता था पर अब समय बदलने जा रहा है सरकार ने महाराष्ट्र सरकार के साथ एक एकरनामा किया है. मजदूरों के लिए झारखंड सरकार एक भवन का निर्माण कार्य किया जाएगा जहां आपकी समस्या शिकायत कर सकते हैं वहां एक पदाधिकारी की नियुक्ति की जाएगी. हमारे मजदूर अलग-अलग राज्यों में जाते हैं जैसे अंडमान निकोबार गए थे झारखंड के कई मजदूर लेह लद्दाख, कर्नाटक ,अंडमान निकोबार ,महाराष्ट्र में कई मजदूर सभी के लिए राज्य सरकार विशेष योजना बनाया है.