चतरा : झारखण्ड राज्य में भा०क०पा० माओवादी संगठन के टॉप कमाण्डरों में रिजनल कमिटी सदस्य 15 लाख ईनामी नवीन उर्फ सर्वजीत यादव उर्फ विजय यादव, पिता- सिंधु यादव, ग्राम-बांस थाना – प्रतापपुर, जिला- चतरा के झारखण्ड पुलिस एवं सी०आर०पी०एफ० के समक्ष किया आत्मसमर्पण किया .
झारखण्ड राज्य के चतरा, लातेहार, गढ़वा, पलामू, बिहार के गया एवं छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला के कई काण्डों में था वांछित .झारखण्ड सरकार के आत्मसमर्पण नीति को सुलभ बनाने हेतु खुला जेल-सह-पुनर्वास कैम्प नियमावली में किया गया संशोधन जिससे प्रभावित होकर किया गया आत्मसमर्पण राज्य को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इसी संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक झारखण्ड, राँची के नेतृत्व में झारखण्ड पुलिस, सी०आर०पी०एफ०, झारखण्ड जगुआर एवं अन्य केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों के द्वारा सभी नक्सली संगठनों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई की जा रही है और इस दिशा में पुलिस को नक्सली संगठनों के विरूद्ध निरंतर सफलतायें भी मिल रही है। वहीं दूसरी ओर भटके नक्सलियों को मुख्य धारा में लौटने के लिए झारखण्ड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुर्नवास नीति “नई दिशा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य उनको समाज की मुख्य धारा में जोड़ना है, जो किसी कारणवश नक्सलवाद के गलत रास्ते में भटक गये हैं। भटके नक्सलियों को आत्मसमर्पण एवं पुर्नवास नीति की ओर लुभाने तथा मुख्यधारा में जुड़ने के लिए प्रेरित करने हेतु वर्तमान में सरकार द्वारा सम्यक विचारोपरान्त “झारखण्ड खुला जेल सह पुनर्वास कैम्प नियमावली में संशोधन किया गया है, जिसके तहत वैसे नक्सली जो आत्मसमर्पण करते है उनको खुला जेल (Open Jail) में अविलम्ब संसीमित किया जा सकेगा। सीधे पुलिस अधीक्षक की अनुशंसा पर पुलिस मुख्यालय एवं कारा महानिरीक्षक के द्वारा खुला जेल (Open Jail) में संसीमित करने का निर्णय लिया जाएगा। पूर्व में नक्सली को आत्मसमर्पण के उपरांत खुला जेल (Open Jail) में भेजने में कुछ सप्ताह का समय लग जाता था, जो अब घट कर कुछ घंटों में सिमट कर रह जाएगा। मध्यजोन के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले चतरा- पलानू सबजोन क्षेत्र में विगत कुछ वर्षों में प्रतिबंधितभा०क०पा० माओवादी नक्सली संगठनों के द्वारा अपनी सक्रियता काफी बढ़ा दी गई थी एवं क्षेत्र में पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही पुलिस एवं अन्य केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों के द्वारा लगातार कार्रवाई से भा०क०पा० माओवादी संगठन के कई शीर्ष कमाण्डर मारे एवं पकड़े गए तथा झारखण्ड सरकार की आत्मसमर्पण नीति “नई दिशा” के अन्तर्गत कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया। कुछ दिन पूर्व भा०क०पा० माओवादी के रिजनल कमिटी सदस्य 15 लाख ईनामी इंदल गंझू उर्फ ललन गंझू उर्फ उमा उर्फ बढ़न, 2. जोनल कमाण्डर 10 लाख ईनामी अमरजीत यादव उर्फ टिंगु उर्फ लखन यादव 3 सब जोनल 05 लाख ईनामी कमाण्डर सहदेव यादव उर्फ लटन यादव, सुदर्शन 4 सब जोनल कमाण्डर नीरू यादव उर्फ सलीम, 5. सब जोनल कमाण्डर संतोष भुईया उर्फ सुकन, 6 दस्ता सदस्य अशोक बैगा उर्फ अशोक परहिया, पिता- तपी बैगा, 1- हेसातु, थाना-कुन्दा, जिला-चतरा ने झारखण्ड पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। पुलिस के लगातार अभियान बढ़ती दबिश के साथ-साथ भा०क०पा० माओवादी संगठन के आंतरिक शोषण एवं भयादोहन से क्षुब्ध होकर नक्सली कमाण्डर द्वारा पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसी से सम्पर्क कर मुख्य धारा में जुड़ने की इच्छा व्यक्त की गई तथा वर्तमान में आत्मसमर्पण नीति के तहत खुला जेल -सह- पुनर्वास कैम्प नियमावली मेंहुये संशोधन से प्रभावित होकर भा०क०पा० माओवादी के रिजनल कमिटी सदस्य ने किया .
आत्मसमर्पण ::उग्रवादी संगठन भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेता 15 लाख इनामी रीजनल कमांडर नवीन उर्फ सर्वजीत यादव उर्फ विजय यादव मुख्यधारा में लौटा
झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत खुला जेल-सह-पुनर्वास कैम्प नियमावली में संशोधन का प्रभावी असर pic.twitter.com/Y4NEJHaqA2
— Jharkhand Police (@JharkhandPolice) November 8, 2023