झारखण्ड : गढ़वा जिले के गोविन्द प्लस टू विद्यालय के खेल के मैदान में पर नगर परिषद् द्वारा विद्यालय प्रबंधन के आपत्ति के बावजूद टाउन हॉल का निर्माण करवाया गया. इस कार्य के लिए नगर परिषद् के पदाधिकारी ने विद्यालय के प्रधान अध्यापक से एक NOC(अनापति प्रमाण पत्र) की मांग की थी लेकिन विद्यालय प्रबंधन इसके विरुद्ध थी. इसके बावजूद टाउन हॉल का निर्माण किया गया.
टाउन हॉल के निर्माण से बढ़ी भविष्य की चिंता :
प्रधानाध्यापक ने बच्चों के भविष्य के लिए गहरी चिंता जताई. मैदान पर मंच बनाने के नाम पर भवन का निर्माण कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. 2.11 एकड़ की भूमि सिमट कर रह गई है, भविष्य में इस मैदान में खेल की गतिविधियाँ होने की संभावनाएं थी. लेकिन अब ऐसा नहीं रह गया है सारी संभावनाएं समाप्त हो गई है.
टाउन हॉल बनाने का उद्देश्य :
कन्या मध्य विद्यालय के मैदान में फुटबॉल स्टेडियम बनाए जाने के बाद यही एकमात्र सार्वजनिक खेल के मैदान शहर में बच गया था जहाँ सभी प्रकार की खेल की गतिविधियों के साथ साथ राजनैतिक कार्यों का भी आयोजन यही होता था, इस बार का टाउन हाल पूर्व के दो गुना होगा. स्वतंत्रता एवं गणतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडोत्तोलन के अलावा अन्य कार्यक्रम होते थे. जब सार्वजनिक कार्यकर्मों के लिए मंच की आवश्यकता हुई तो शेष बची जमीन पर दूसरी ओर स्थाई मंच का निर्माण करवाया गया तथा अब इसे भव्य बनाने के लिए निर्माण कार्य करवाया जा रहा है.
पूरा मामला क्या है :
2020 में ही नगर परिषद् के कार्यपालक पदाधिकारी की ओर से गोविन्द प्लस टू के प्रधानाध्यापक को पत्र लिखकर बहुउद्देशीय सांस्कृतिक भवन के निर्माण के लिए करीब 1.86 एकड़ की भूमि के लिए noc ( अनापति प्रमाण पत्र) की मांग की थी, मैदान करीब 2.11 एकड़ में विस्तृत होने के बावजूद आस-पास के लोगों द्वारा इसका अतिक्रमण कर लिया गया. मांगी गई भूमि में मैदान का आधा से ज्यादा भवन निर्माण में ही चला जायेगा तो उनके बच्चों के लिए स्कूल ग्राउंड के नाम पर कुछ नहीं बचेगा. जिस कारण से उन्होंने अनापति प्रमाण पत्र देने से इंकार कर दिया. लेकिन यदि पुराने टाउन हॉल का निर्माण जितने क्षेत्रफल में किया गया उतनी भूमि की ज़रूरत होगी तो इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी. इसके बावजूद पुराने टाउन हॉल की अपेक्षा इस बार के भवन का निर्माण करीब दो गुना क्षेत्र में किया गया.
कोरोना खत्म होने के बावजूद स्कूल के मैदान का प्रयोग सब्जी मार्केट तथा ऑटो स्टैंड के रूप में किया जा रहा है :
विद्यालय का अपना मैदान होने के बावजूद अतिक्रमण तथा अन्य गतिविधियाँ होने के कारण बच्चें कभी उस मैदान में खेलने नहीं जाते. इतना बड़ा क्षेत्र होने के बावजूद परिसर के अन्दर छोटे से कम स्पेस वाले आउटडोर गेम्स करवाए जाते है. नगर परिषद् द्वारा कोरोना काल में स्कूल के मैदान का प्रयोग सब्जी मार्केट के रूप में किया जाता था जो कोरोना काल समाप्त होने के बाद भी किया जा रहा है. इसके अलावा इसका उपयोग ऑटो स्टैंड के रूप में भी किया जा रहा है. इस मैदान से बहुत से ऐतिहासिक कार्य तथा यादें जुड़ी हुई है, जो काफी स्वर्णिम रहा है. इस मैदान में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से लेकर जेपी नारायण एवं उसके पूर्व कई स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा सभाएं की गई है. हाल ही के दिनों में यहाँ संस्कृत तथा राजनैतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था.