पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज कल मीडियावालों पर केंद्र ने कब्जा कर लिया है। हमलोग मीडिया के पक्षधर हैं। मीडिया वाले अच्छे लोग हैं लेकिन इन्हें वे लोग लिखने नहीं देते हैं। केंद्र के दो नेता का ही आजकल प्रचार-प्रसार होता है, उनकी बातों को ही छापा जाता है। हमलोग सबके हित में बात कर रहे हैं। हमलोगों ने दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से पूरे देश में जातीय जनगणना कराने की मांग की थी लेकिन वे लोग नहीं सुने।
हमलोगों ने बिहार में सभी पार्टियों की सर्वसम्मति से जाति आधारित गणना करायी। एक-एक परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली गई है। पहले अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति को 1 प्रतिशत आरक्षण मिलता था। अब अनुसूचित जाति का आरक्षण बढ़ाकर 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति का 2 प्रतिशत कर दिया गया है। पिछड़ों, अतिपिछड़ों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को बढ़ाकर अब 65 प्रतिशत कर दिया गया है। इसको लेकर बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद् से सर्वसम्मति से विधेयक को पास किया गया। हमलोगों ने जाति आधारित गणना की रिपोर्ट को पब्लिश कर दिया है और उसके अनुसार योजना बनाकर लोगों को मदद देने का काम किया जा रहा है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को केन्द्र सरकार द्वारा पहले से ही 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है जिसे हमलोगों ने पूरी तरह समर्थन दिया था। इसे मिलाकर अब बिहार में 75 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया है। हमलोग हर गरीब परिवार को 2 लाख रुपये की मदद करेंगे ताकि उससे लोग कोई रोजगार कर सकें। काफी पहले से हमलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। विशेष राज्य के दर्जे को लेकर अभियान चलायेंगे, इसमें आपलोगों का समर्थन चाहिए। हमलोग एकजुट होकर बिहार को आगे बढ़ायेंगे। मुख्यमंत्री के आह्वान पर कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह ने अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग से संबंधित केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अपने बलबूते बिहार से गरीबी खत्म करने में 5 साल लगेंगे लेकिन अगर विशेष राज्य का दर्जा मिल जाय तो 2 साल में यहां की गरीबी खत्म हो जायेगी। केंद्र की सरकार कोई काम नहीं कर रही है सिर्फ अपना प्रचार-प्रसार कर रही है। हमलोग अपने काम में लगे रहते हैं। राज्य के विकास के लिए एक-एक काम पर ध्यान देते हैं। यहां के लोग जब भी हमें बुलायेंगे, हम यहां आते रहेंगे। यहाँ से मुझे काफी लगाव है। मैं इस पौराणिक धरती को नमन करता हूँ और आप सभी को बधाई देता हूँ।