पटना :बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर पटना के गांधी संग्रहालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में सबसे पहले मुख्यमंत्री ने बापू के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। कलाकारों ने बापू के प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो तेनो कहिये जे पीर पराई जाने रे एवं रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम का गायन किया। गांधी संग्रहालय, पटना के सचिव श्री आसिफ वसी ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बापू के जन्मदिवस के अवसर पर यहां आयोजित कार्यक्रम में मुझे आने का अवसर मिला है। आप सब भी यहां उपस्थित हुए हैं, यहां आकर मुझे बेहद खुशी होती है। आप सभी लोगों को मैं बधाई देता हूँ । गांधी संग्रहालय, परिसर के विकास के लिए काफी अच्छा और बेहतर ढंग से काम किया गया है। आज भी हमने यहां कुछ सुझाव दिया है ताकि पटना का यह बापू संग्रहालय और बेहतरीन हो सके। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को हम तो बापू ही कहते हैं। उनके द्वारा बताई गई हर बात को न सिर्फ याद रखना है बल्कि ज्यादा से ज्यादा नई पीढ़ी के लोगों को बापू के विचारों से अवगत कराना है और यह काम हमलोग करा भी रहे हैं। बिहार में प्रारंभ से ही हमलोग बापू के विचारों को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य करा रहे हैं। गांधी संग्रहालय के बगल में ही पांच हजार क्षमता वाले बापू सभागार का निर्माण कराया गया है, देश में इतना बड़ा सभागार कहीं नहीं है। पटना में बापू टावर का भी निर्माण कराया जा रहा है। आजादी की लड़ाई में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बिहार में बापू के द्वारा वर्ष 1917 में किये गये चंपारण सत्याग्रह के 30 वर्ष के अंदर ही देश को आजादी मिल गयी। हमलोगों ने चंपारण सत्याग्रह के 100 वर्ष पूरा होने पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कराया। गांधी संग्रहालय पटना के पूर्व सचिव रजी अहमद जी से हमारा पुराना संबंध है। अब इनके सुपुत्र यहां का काम देख रहे हैं। यहाँ आगे भी ठीक ढंग से काम होता रहे, इसका विशेष रूप से ख्याल रखना है। हिन्दू-मुस्लिम सहित अन्य सभी धर्मों के लोग बापू के बताये विचारों को याद रखें, यही हमारा आप सभी से आग्रह है । इस कार्यक्रम में कलाकारों ने बापू के भजन का प्रस्तुतीकरण बहुत अच्छे ढंग से किया है। आप सभी इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए, इसके लिए मैं आप सबको धन्यवाद देता हूँ।