पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुये कहा कि जाति आधारित गणना की रिपोर्ट को पब्लिश कर दिया गया है। 9 पार्टियों की सहमति से यह सब हुआ है। उन सब पार्टियों के सामने सभी चीजों को प्रजेंट किया जायेगा। कल ही साढे तीन बजे 9 पार्टियों के लोगों के साथ हमलोग मीटिंग करेंगे। उस मीटिंग में एक- एक चीजों का प्रजेंटेशन किया जायेगा। सबकी राय लेकर आगे कदम उठाएंगे। जातीय गणना के साथ-साथ एक-एक परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी ले ली गई है, उसकी रिपोर्ट भी जारी होगी ।
आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई !
जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था।…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 2, 2023
गौरतलब है की अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या बढ़ी है, उनको भी फायदा होगा। सबको लाभ मिले इसको लेकर कल की मीटिंग में एक-एक चीज को रखा जायेगा ।प्रधानमंत्री के द्वारा अतिपछड़ी जातियों के लिए विश्वकर्मा योजना लागू किये जाने और बिहार में अतिपिछड़ी जातियों की संख्या बढ़ने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमको ये सब पता नहीं है, उनलोगों ने क्या लागू किया है। बिहार में हमलोग जितना काम किये हैं उतना आजतक कोई नहीं किया है। बिहार में किसी एक जाति नहीं बल्कि सभी जातियों के हित में काम आगे बढ़ेगा। वर्ष 2011 में केंद्र सरकार ने जनगणना करायी थी। इसके 10 वर्षों के बाद भी जनगणना नहीं हुई है।आबादी के अनुपात में आरक्षण का दायरा बढ़ाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी कुछ कहना उचित नहीं है । कल सभी के सामने जाति आधारित गणना की रिपोर्ट का प्रजेंटेशन होने के बाद जो भी स्थिति है उसके आधार पर काम आगे बढ़ाने को लेकर हमलोग निर्णय लेंगे। एक-एक बात को सबके सामने रख देना जरुरी है। उसके बाद हमलोग आगे बेहतर करने की कोशिश करेंगे। अभी इस पर कुछ भी कहना ठीक नहीं है। कल के बाद आपलोगों को धीरे-धीरे पता चलेगा। जिसकी जितनी संख्या है उसकी उतनी भागीदारी होनी चाहिए । शुरु से हमलोग इस बात को कह रहे हैं। केंद्र वाले कोई काम नहीं कर रहे हैं। हिंदू या मुस्लिम किसी के लिए कोई काम नहीं हो रहा है।