झारखण्ड : रांची की दीप्ती कुमारी कभी राष्ट्रीय स्तर पर 12 गोल्ड, 7 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली झारखण्ड की बेटी को किसी कारण वस तीरंदाजी छोड़नी पड़ी। राष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी में अपनी गहरी छाप छोड़ने वाली दीप्ति कुमारी ने आर्थिक अभाव को देखते हुए दीप्ति कुमारी को अरगोड़ा चौक पर चाय बेचना शुरू करना पड़ा। इसके बाद उसने अपनी पूरी समस्या सांसद संजय सेठ से मिलकर बताया। सांसद ने इस पर गंभीरता पूर्वक पहल की और केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी जी से बात की। सांसद ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया की बिटिया को धनुष दिया जाए ताकि राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिटिया और बेहतर तरीके से अपना प्रदर्शन कर सके।
आखिर क्यों छोडनी पड़ी तीरंदाजी :
लगभग एक वर्ष पूर्व तीरंदाजी के एक अभ्यास के क्रम में दीप्ति का धनुष टूट गया था। दीप्ति का वह धनुष इनकी मां ने ₹7 लाख रूपए कर्ज लेकर खरीदा था। जिसके बाद धनुष के अभाव में दीप्ति का अभ्यास बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुआ।
सांसद संजय सेठ :
सांसद की पहल पर सीसीएल ने अपने सीएसआर मदद से दीप्ति को 5 लाख रूपये की कीमत का धनुष प्रदान किया। वह धनुष सांसद सेठ ने दीप्ति कुमारी को सौंपा। सांसद संजय सेठ ने कहा कि दीप्ति की प्रतिभा, पूर्व के प्रदर्शन और जरूरत को देखते हुए उन्होंने उसे 5 लाख रुपये का धनुष दिलवाया। उन्हें विश्वास है कि तीरंदाजी के क्षेत्र में दीप्ति उम्दा प्रदर्शन करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी खुद खेल और खिलाड़ियों को लेकर सदैव ही चिंतित रहते हैं। इनका प्रदर्शन बेहतर हो इसके लिए खुद से खिलाड़ियों से संवाद करते हैं। दीप्ति भी निश्चित रूप से तीरंदाजी के क्षेत्र का वह तीर बनेगी, जो हर बाधाओं को तोड़कर, झारखंड का नाम विश्व भर में रोशन करेगी। सांसद ने दीप्ति कुमारी को बधाई और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
दीप्ती ने कहा उन्हें रक्षाबंधन का तोफा मिला है :
दीप्ति ने सांसद की तारीफ करते हुए, सांसद महोदय की तरफ से उन्हें रक्षाबंधन का उपहार मिल गया। उन्होंने सोचा भी नहीं था कि कोई आकर उन्हें 5 लाख रुपए का धनुष दिलवा देगा परंतु अब सांसद महोदय ने धनुष के साथ हौसला भी दिया है। एक बार फिर से वह तीरंदाजी के क्षेत्र में देश और दुनिया में झारखंड का नाम रोशन करेंगी।