पूर्वी सिंहभूम :झारखंड के सीएम हेमन्त सोरेन की सुरक्षा की बात हो या जल- जंगल -जमीन और पर्यावरण को बचाने का। अन्याय और शोषण का विरोध हो या फिर अपने मान -सम्मान और हक- अधिकार की लड़ाई। झारखंड के आदिवासी- मूलवासी ना कभी झुके हैं और ना कभी रुके हैं। हर मोर्चे पर संघर्ष करते रहे हैं है और आगे भी करते रहें है। इन्होंने कभी भी अपने वसूलों से समझौता नहीं किया। इतिहास गवाह है कि यहां के अनेकों वीरों ने समाज और देश की खातिर अपनी कुर्बानी दी है । हम सभी को अपने इन अमर शहीदों पर गर्व है ।
झारखंड वीरों की धरती है। भगवान बिरसा मुंडा, सिदो- कान्हू, तिलका मांझी और नीलांबर पीतांबर जैसे अनेकों वीर शहीदों ने अंग्रजों और शोषण तथा अन्याय के खिलाफ संघर्ष का नेतृत्व करते-करते अपनी शहादत दे दी। आज भी कई ऐसे वीर शहीद हैं ,जो गुमनाम है, उनकी पहचान कर कर उन्हें सम्मान देने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। शहीदों और उनके परिजनों को पूरा मान सम्मान देना हमारा संकल्प है । कि राज्य के अनेकों ऐसे चौक- चौराहे हैं, जहां शहीदों की प्रतिमा लगी है। इनकी प्रतिमाएं हमें इनके शहादत को याद कराती है।