चंद्रयान 3 ने चांद के सतह पर अपने कदम रख दिए, ISRO ने लहराया विजय परचम। चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर भारत दुनिया का चौथा देश बन चुका है। 16 वैज्ञानिकों की 4 साल की मेहनत रंग लाई जिससे पूरे देश में खुशी की लहर है बच्चों तथा युवाओं पूरे भारत में उत्सव की स्थिति बन गई है। 2023, भारत इतिहास रचने में सफलता हासिल कर ली। चंद्रयान-3 की सफलता इसरो का नाम दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसियों में शामिल कर देगी।
ISRO का इतिहास रचता परिचय:
1980 इसरो ने एसएलवी 3 की सफल परीक्षण की।
1983 इनसेट 1बी को प्रक्षेपित किया गया।
1994 पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) का सफल परीक्षण किया।
2008 भारत का पहला चंद्र मिशन चंद्रयान-1 लांच हुआ।
2019 भारत का दूसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-2 लांच हुआ।
2023 भारत का दूसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-3 लांच किया।
विक्रम विक्रम लैंडर पर चार पोलोड्स के क्या काम:
रंभा : यह चंद्रमा की सतह पर सूर्य से आने वाली प्लाज्मा कणों के घनत्व, मात्रा और बदलाव की जांच करेगी।
चास्टे : यह चांद के सतह के तापमान की जांच करेगी।
इल्सा : योर लर्निंग साइट के आसपास की भूकंपीय गतिविधियों की जांच करेगी।
लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे(LRA) : यह चांद के डायनामिक्स को समझने में मदद करेगी।