आजकल लोगों में हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ गया है। इससे लोगों के मन में एक डर बना हुआ है। बच्चे हो या बड़े आजकल सब में हार्ट अटैक के खतरे देखने को मिल रहे हैं। पिछले दिनों अप की राजधानी लखनऊ में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में 9वीं कक्षा का छात्र अचानक क्लास में बेहोश होकर गिर गया। बच्चे को तुरंत अस्पताल लेकर जाया गया। जांच से पता चला उसे हार्ट अटैक आया था सीपीआर देने के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। इसी के साथ ही गुजरात के जामनगर में गरबा प्रैक्टिस के दौरान 24 साल के विनीत कुंवारिया की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
लक्षण :
किन लक्षणों से हम जान सकते हैं कि हमारा दिल बीमार है हो गया है
सीने में दर्द भारीपन सांस लेने में कठिनाई घबराहट अचानक पसीना आना चक्कर आना बेहोशी आना धड़कने बढ़ाना लेटने में सांस जल्दी चलना और बैठने में आराम मिलना ये सभी दिल की सेहत बिगड़ने की ओर इशारा करता है।
आज के तेज बदलते जनरेशन और बदलती लाइफस्टाइल के कारण हार्ट अटैक का खतरा कम उम्र के बच्चों पर भी बढ़ गया है। पहले 60 की उम्र के लोगों को हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता था लेकिन अब खराब लाइफस्टाइल स्ट्रेस नींद पूरी न होना या जेनेटिक कारणों से इसका खतरा तेजी से बढ़ रहा है।
इतनी तेज बदलती लाइफस्टाइल में अपने हाथ का ख्याल कैसे रखें:
वजन, बॉडी मास इंडेक्स के हिसाब से वेट कंट्रोल करना, बीपी यानी ब्लड प्रेशर 120/80 होना चाहिए। हार्ट रेट 55 से 90 बीट प्रति मिनट होनी चाहिए। कोलेस्ट्रॉल बेड कोलेस्ट्रॉल 100 mg/dl से कम, गुड कोलेस्ट्रॉल 60mg/dl से ज्यादा होना चाहिए। इसके साथ ही शरीर में फास्टिंग ब्लड शुगर 126 mg/dl से ज्यादा और पोस्ट मिल शुगर लेवल 160 mg/dl से ज्यादा खतरनाक है।
हार्ट अटैक का संकेत मिलते ही तुरंत यह कदम उठाए :
एस्प्रिन टेबलेट को 30 मिनट के अंदर आप अपनी जीप के नीचे सॉर्बिट्रेट एस्प्रिन की टेबलेट दबा कर रखें यह खून के थक्के बनने से रोकता है। पैरों के नीचे तकिया रखें ऐसा करने से ब्लड सरकुलेशन विपरीत दिशा में भागी जिससे नसों के ब्लॉक होने का खतरा कम हो जाएगा।