नई दिल्ली :भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारतीय अध्यक्षता में जी-20 का ऐतिहासिक आयोजन हुआ, जिसके घोषणा-पत्र में महिलाओं की खाद्य सुरक्षा एवं पोषण पर बल दिया गया है, जो व्यक्तिगत व सामुदायिक विकास की आधारशिला है, क्योंकि इससे महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ बच्चों, परिवार, समुदाय की बेहतरी की बुनियाद पड़ती है।
इस दिशा में हम समावेशी, टिकाऊ व अनुकूल कृषि-खाद्य प्रणालियों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबं, जिसमें सुलभ, किफ़ायती, सुरक्षित, पौष्टिक भोजन, स्कूली भोजन कार्यक्रमों में स्वास्थ्यकर आहार सहायता व महिलाओं हेतु समावेशी एग्री वैल्यू चैन व प्रणालियों के लिए नवाचार को प्रोत्साहन देना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह समय सामयिक कृषि खाद्य प्रणाली का सृजन करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा कर ठोस निष्कर्ष निकालने का है, क्योंकि इसका सब पर प्रभाव पड़ता है। खाद्य प्रणालियों में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसका देश के सामाजिक विकास में व्यापक व महत्वपूर्ण योगदान है। कृषि आउटपुट में भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है। जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 14% है। इस क्षेत्र में आधी से भी अधिक आबादी को रोजगार मिलता है। 84% भारतीय महिलाएं आजीविका के लिए कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों पर निर्भर हैं। देश में उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान के परिणामस्वरूप कृषि को सफलता मिली है, जिसके लिए श्री तोमर ने वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि ऐतिहासिक रूप से विज्ञान पर, केंद्र के लगातार प्रयासों व अनुकूल नीतियों ने भारत को दक्षिण-एशियाई देशों के साथ विश्व की खाद्य खपत का एक-चौथाई उत्पादन करने में समर्थ बनाया है। हमारे पास उत्कृष्ट अनुसंधान, विकास व नवाचार में निवेश करने व इसकी सफलता की लंबी विरासत है। भारतीय कृषि में सफलता में मेहनतकश किसानों की अहम भूमिका है। देश में 86 प्रतिशत छोटे-मझौले किसान हैं, जिन्होंने चुनौतियों का सामना करते हुए राष्ट्र का भरण-पोषण करने में सतत् योगदान दिया व अन्य देशों को भी आपूर्ति कर पाए। चुनौतियों के बावजूद, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कृषि में नए आयाम स्थापित हुए हैं, जिनका उद्देश्य छोटे किसानों का कल्याण है। नीतियां-नवाचार सफलतापूर्वक लागू किए गए हैं। आईसीएआर द्वारा विकसित जलवायु अनुकूल किस्मों के साथ ही भारत कृषि नवाचार व गहन अनुसंधान के माध्यम से विश्व में नालेज पार्टनर व रोल मॉडल बन रहा है। उन्होंने कहा कि देश में खेती-किसानी के विकास में महिलाओं का अहम योगदान रहा है, वहीं युवा भी खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वस्थ व किफायती भोजन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान व नवाचार में निवेश जारी रखने की जरूरत है, वहीं जलवायु परिवर्तन और अन्य खाद्य प्रणालियों के तनावों की चुनौतियों से भी मिलकर निपटने की जरूरत है। यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि समग्र रूप से खाद्य प्रणालियों की उत्पादकता व अनुकूलन बढ़ाने के लिए नवाचारों-नीतियों में लैंगिक समानता व सामाजिक समावेशन मजबूत करने हेतु वैश्विक लक्ष्यों को एकीकृत करें।