रांची :झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन डॉ रामदयाल मुंडा फुटबॉल स्टेडियम, मोरहाबादी, रांची में आयोजित शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह अवसर पर उन्होंने माध्यमिक विद्यालयों के लिए चयनित स्नातक प्रशिक्षित 827 शिक्षकों में से 24 शिक्षकों को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र सौंपा गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अलग राज्य गठन के दो दशक से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन कभी नियुक्ति नियमावली नहीं बन सकी । इस वजह से पहले जो भी नियुक्तियां हुई, वह विवादों के घेरे में आती रही। मामला न्यायालयों में पहुंचा। इस वजह से नियुक्तियों में तो विलंब हुआ ही , साथ ही भ्रष्टाचार की बातें लगातार सामने आई। हमारी सरकार ने पहली बार नियुक्ति नियमावली बनाकर विभिन्न विभागों में खाली पदों पर नियुक्तियां कर रही है। जेपीएससी का रिजल्ट रिकॉर्ड समय में जारी हुआ और इसमें 32 ऐसे अधिकारी बने, जो बीपीएल श्रेणी से आते हैं। यह इस बात का गवाह है कि जेपीएससी की परीक्षा में पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता बरती गई और कहीं कोई विवाद पैदा नहीं हुआ। सरकारी विभागों में तो नियुक्तियों का दौर चल ही रहा है। डॉक्टर, इंजीनियर, पशु चिकित्सक, आयुष चिकित्सक, कृषि पदाधिकारी, खेल पदाधिकारी, पंचायत सचिव, नर्स और लिपिकों आदि के पदों पर नियुक्ति हो चुकी है। वहीं, रोजगार मेला लगाकर निजी संस्थानों और कंपनियों में भी लगभग 34 हज़ार नौजवानों को ऑफर लेटर मिल चुका है। सरकार का प्रयास है कि यहां के नौजवानों को अपने पैरों पर खड़ा कर सके हमारी सरकार जन भावनाओं के अनुरूप पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। राज्य की जनता को विकास की कड़ियों से जोड़ा जा रहा है । गरीब, वंचित, दलित, महिला, युवा, किसान, मजदूर, समेत हर वर्ग और तबके के लोगों के आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं हमारी सरकार जो कहती है उसे निश्चित तौर पर पूरा करती है। मैं यह तो दावा नहीं करता कि राज्य की सारी समस्याओं का समाधान हो गया है। लेकिन, इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं। जनता की समस्याओं को विशेष प्राथमिकता के तौर पर दूर किया जा रहा है । यही वजह है कि हमारी सरकार से जनता की उम्मीदें और आकांक्षाएं भी काफी बढ़ रही है। हमारी सरकार तमाम चुनौतियां के बीच राज्य को नई दिशा करने का काम कर रही है। एक लंबे संघर्ष के बाद हमें अलग झारखंड राज्य मिला। लेकिन हमारे पूर्वजों ने राज्य के सर्वांगीण विकास का जो सपना देखा था, वह पिछले दो दशकों में पूरा नहीं हो सका। तमाम संसाधनों के बाद भी झारखंड की गिनती पिछड़े राज्यों में होती रही । लोगों की उम्मीदें लगातार टूटती रहीं। लेकिन, हमारी सरकार पिछले 4 वर्षों से जिस तरह कार्य करती आ रही है, उससे विकास को एक नया आयाम मिल रहा है। हमारी सरकार ने ऐसे कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं , जो देश के लिए मिसाल बन गए हैं। हम यहां के आदिवासी, दलितों, पिछड़े और अल्पसंख्यकों को विदेश में पढ़ाई के लिए शत- प्रतिशत स्कॉलरशिप दे रहे हैं। यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के माध्यम से सभी बुजुर्गों , विधवाओं और दिव्यांगों को पेंशन दे रहे हैं। ऐसे और भी कई निर्णय हैं , जो यहां के लोगों को सशक्त और आगे बढ़ाने का काम कर रही है। आज प्रतिस्पर्धा का जमाना है। ऐसे में सरकारी विद्यालयों के बच्चे पीछे नहीं रह जाएं, इसी को ध्यान में रखकर सरकारी विद्यालयों को निजी विद्यालयों की तर्ज पर अपग्रेड किया जा रहा है। स्कूल आफ एक्सीलेंस खोले गए हैं । आदर्श विद्यालयों में शिक्षा की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सभी श्रेणी के विद्यालयों में आधारभूत संरचना मजबूत किया जा रहा है । बच्चों को डिजिटल माध्यम से शिक्षा देने की पहल हो रही है । छात्रावासों का जीर्णोद्धार हो रहा है। हमारी कोशिश है कि सरकारी विद्यालयों के बच्चे भी आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में अपने को बेहतर साबित कर सकें। नवनियुक्त शिक्षकों से कहा कि आप स्कूलों में पठन-पाठन के साथ बच्चों की छिपी प्रतिभाओं को पहचान कर उसे निखारने का काम करें। उन्होंने कहा की कई बच्चे खेल, चित्रकला, गीत, नृत्य और संगीत जैसे विधाओं में प्रतिभा संपन्न होते हैं , लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पाता है। ऐसे में आप उन्हें आगे लाने में अपनी अहम जिम्मेदारियां को जरूर निभाएं। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तैयार जी गुरुजी एप्प को लांच किया । इस एप्प के जरिए राज्य के सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी डिजिटल कंटेंट के साथ ऑडियो- वीडियो माध्यम से विद्यालय के अलावा अपने घर में भी पढ़ाई कर सकते हैं।
नियुक्तियां लगातार… pic.twitter.com/DBzPRpTMda
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) October 16, 2023