रांची :झारखंड में 68 वीं राष्ट्रीय स्कूल खेल प्रतियोगिता की मेजबानी को लेकर आज झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के प्रेक्षागृह में राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक शशि रंजन इस दौरान जेईपीसी के प्रशासनिक पदाधिकारी सच्चिदानंद दि. तिग्गा, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी धीरसेन सोरेंग, झारखंड ओलिंपिक संघ के कोषाध्यक्ष शिवेन्द्रनाथ दुबे उपस्थित थे। इस दौरान पत्रकारों को खेल आयोजन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी। राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक शशि रंजन ने आयोजन की सफलता में पत्रकारों की भूमिका को अतुलनीय बताया। उन्होंने कहा कि 5 जनवरी को शाम 4 बजे मोरहाबादी स्थित भगवान बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन द्वारा खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन किया जाएगा। उद्घाटन समारोह में मंत्री के अलावा विभागीय सचिव श्री उमाशंकर सिंह, खेल निदेशक संदीप कुमार समेत शिक्षा एवं खेल विभाग के अन्य पदाधिकारी और खेल संघो के पदाधिकारी शामिल होंगे। इस आयोजन को लेकर टीमों का रांची आना शुरू हो गया है आज और कल देश की 35 टीमें रांची आ रही है। उनके लिए आवासन और चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था पूरी कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था संभालने के लिए 17 समितियों को जिम्मेदारी दी गयी है। इन समितियों के कार्यो को लगातार मॉनिटर किया जाएगा। थीम गीत हुआ लांच :* राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक शशि रंजन ने रांची में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्कूल खेल प्रतियोगिता का थीम सॉन्ग “खेलेगा इंडिया-जीतेगा इंडिया” को लॉन्च किया। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी के निर्देशानुसार बने थीम सॉन्ग के बोल श्री एम मोदस्सर ने लिखा है, वहीं इस गीत को संगीतकार रोहन देव पाठक ने अपने सुरों से सजाया है। थीम सॉन्ग के विजुअल में अब तक राज्य में आयोजित हुए राज्य स्तरीय खेलो झारखंड प्रतियोगिता एवं राष्ट्रीय स्कूली खेल के दृश्य दिखाई देंगे।आज भी पहुंची कई टीमें :* आज जिन टीमों का आगमन हुआ उनमे तेलंगाना, लक्ष्यद्वीप, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, CISCE, राजस्थान, विद्याभारती, डीएवी, हरियाणा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, त्रिपुरा, केरल, दादर एंड नगर हवेली दमन, बिहार, पंजाब, ओडिशा की टीम शामिल है। टीमों का हुआ परंपरागत स्वागत रांची पहुंची देश की अन्य टीमों का परंपरागत स्वागत किया गया। लोटा पानी और झारखंड के ट्राइबल गमछे के साथ टीमों का अभिनंदन किया गया। टीम में शामिल खिलाड़ियों को पुष्प माला पहनाकर उनका उत्साहवर्धन किया गया।