नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किये गए तीन नये बिल में, पहली बार आतंकवाद को परिभाषित किया गया तथा इसमें मोब लिंचिंग, नाबलिकों के साथ यौन उत्पीड़न पर मौत की सज़ा, रेप मामलों में अधिकतम 20 साल की सज़ा तथा छोटे मोटे अपराधों के लिए सामाजिक प्रावधान किये गये l इन प्रावधानों में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य बिल 2023 शामिल किये गये हैl ये बिल अभी पास नहीं हुए है, संसदीय कमेटी इन प्रस्तावों की संवीक्षा करेंगी .
ये तीनों बिल इंडियन पीनल कोड (IPC)1860, कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर (CrPC)1898 और एविडेंस एक्ट की जगह लेंगे l इन कानूनों में IPC में 533 धारा कम हो जाएगी, 133 नई धाराए तथा 9 धारा को बदला गया है l अमित शाह ने देशद्रोह कानून को पूरी तरह रद्द कर दिया है, संविधान के अनुसार सभी को अपनी बात कहने का स्वतंत्र अधिकार है लेकिन यदि किसी व्यक्ति ने भारत की संप्रभुता, एकता एवं अखंडता को नुकसान पहुचाने की कोशिश करता है या इन कार्यों में शामिल होता है या करते हुए पाया जायेगा तो उसे आजीवन कारावास या कारावास की सजा दी जायेगी, इसे 7 साल तक किया जा सकता है तथा जुर्माना भी लगाया जा सकता है l
किन- किन जुर्मों के लिए किन सज़ाओं का प्रावधान
मॉब लिंचिंग : इसमें न्यूनतम सज़ा 7 साल अधिकतम मौत की सज़ा का प्रावधान है, इसके अलावा जुर्माना भी लगाया जायेगा |
अप्राकृतिक यौन अपराध: धारा 377 पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया, इसके अंतर्गत पुरुषों को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए कोई कानून नहीं होगा | सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 के फैसले के तहत कहा की “सहमति देने वाले वयस्कों” पर “अप्राकृतिक कार्यों” के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है |
नाबलिकों से गैंग रेप : नए कानून के तहत नाबलिकों के साथ गैंग रेप पर मृत्यु दंड के प्रावधान की व्याख्या की गई है, जबकि रेप मामलों में पहले 7 साल की सज़ा थी जिसे बढ़ा कर 10 साल कर दी गई है | 2 नाबालिक के साथ बलात्कार मामले में सज़ा को बढाकर 20 साल या आजीवन कारावास की सज़ा निर्धारित की गई है | इसके साथ ही पहचान बता कर यौन संबंध बनाना भी अपराध के श्रेणी में रखा गया है |
धार्मिक भड़काऊ भाषण : हेड स्पीच को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है जिसमें 3 साल की सज़ा के साथ- साथ जुर्माने का प्रावधान किया गया है इसके अतिरिक्त किसी धार्मिक सम्मलेन पर किसी विशेष धर्म, वर्ग या श्रेणी के खिलाफ भड़काऊ भाषण पर 5 साल की सज़ा होगी |
स्नैचिंग धारा 302 के तहत स्नैचिंग मामलों में 3 साल की सज़ा तथा जुर्माना देना होगा |
रेप पीड़िता की पहचान उजागर करना अपराध की श्रेणी में रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने पर सज़ा का प्रावधान | आरोपी को किसी भी अवधि के लिए कारावास जिसमें 2 साल तक बढ़ाया जा सकता है | इसके अतिरिक्त पीड़िता अगर विरोध करने में असमर्थ हो तो इसका मतलब ये नहीं माना जयेगा कि उसकी सहमति थी |
नये प्रावधान तथा नई नीतियाँ
डिजिटलाइज : नये प्रावधान के तहत 2027 तक सभी कोर्ट डिजिटलाइज हो जायेंगे जिसमें FIR से जजमेंट तक सभी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी |
30 दिनों में जज को फैसला देना होगा : चार्ज फ्रेम होने के 30 दिन के अन्दर ही जज को अपना फैसला सुनना होगा तथा सरकारी कर्चारियों के खिलाफ मामलों में 120 दिनों के भीतर केस चलाने की अनुमति आवश्यक है | इसके अतिरिक्त मृत्यु दंड को आजीवन कारावास की सज़ा में परिवर्तित किया जा सकता है |
न्याय मिलने की अधिकतम सीमा तीन साल : अमित शाह ने कहा सभी को तुरंत न्याय तथा उनकी जरूरतों का ध्यान रखते हुए क़ानूनी व्यवस्था में बदलाव किये जयेंगे जिसके तहत अधिकतम तीन साल में सभी को न्याय मिलेगा |