झारखंड : झारखण्ड हाईकोर्ट ने साहिबगंज में अवैध खनन मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया है. साथ ही अवैध खनन मामले में कोर्ट के आदेशानुसार सीबीआई को पीआई दर्ज कर एक महीने में प्रारंभिक जांच पूरी करने तथा प्रारंभिक जांच से मिले तथ्यों के अनुरूप आगे की कार्यवाही करने का आदेश दिया है l विजय हांसदा द्वारा मूल याचिका वापस लेने के लिए दिए गए आवेदन को कोर्ट ने रद्द कर दिया l न्यायधीश संजय कुमार द्विवेदी हांसदा की ओर से दायर की गई याचिका, में झूठे दावों और दस्तावेजों के आधार पर याचिका वापिस लेने की कोशिश करने के करने उसके आवेदन को खारिज कर दिया l आईए रद्द होने के बाद निर्धारित समय पर हांसदा केस की सुनवाई हुई l याचिका पर सुनवाई के दौरान सचिन कुमार और मनोज कुमार ने हांसदा की ओर से दलील पेश की, जबकि ईडी और सीबीआई की ओर से अनिल कुमार ने दलील दी l कोर्ट में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सीबीआई जांच का आदेश दिया है l
मामला क्या है : साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर अवैध खनन के दौरान किए जाने वाले विस्फोट के कारण ग्रामीणों के घरों में दरारें पड़ जाती थी, जिससे लोह काफी परेशानी में थे l इसके बाद विजय हांसदा , ग्रामीणों के साथ वहां पहुंच कर अवैध खनन बंद करने को कहा लेकिन उन लोगों ने सरकारी अंगरक्षकों के सहारे सभी को वहां से भगा दिया l इन सबके बाद हांसदा ने थाने में पंकज मिश्रा, विष्णु यादव, पवित्र यादव, राजेश यादव, बच्चू यादव, संजय यादव और सुभाष मंडल के खिलाफ अवैध खनन करने के और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दर्ज करवाई l इसके अलावा पंकज मिश्रा पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि होने के कारण अवैध खनन आदि में राजनीतिक शक्तियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया l साथ ही उन्होंने साहिबगंज जिले के सकरी गली निवासी अशोक यादव एवं मुकेश यादव द्वारा उन्हें मार पीट की धमकी देने का आरोप लगाया।
मूल याचिका वापस लेने के लिए हांसदा ने दिया था आवेदन
विजय हांसदा ने मूल याचिका वापस लेने के लिए याचिका दायर की थी और याचिका दायर करते समय वह जेल में था. उनका मानना है कि किसी ने दुश्मनी की वजह से उसके नाम से यह याचिका दायर की लेकिन कोर्ट ने हांसदा के इस दावे को गलत पाया, क्योंकि याचिका दायर करने के लिए जेल के सक्षम अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित कर वकालतनामा उसके वकील को दिया गया था. इसलिए कोर्ट ने इस प्रकरण में उसकी भूमिका की भी जांच के आदेश दिया हैं.
ईडी द्वारा जाँच: साहिबगंज में अवैध खनन की जांच ईडी ने शुरू की . ईडी ने जांच के दौरान हांसदा को समन जारी किया. इसके बाद हांसदा के खिलाफ बोरियो थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया. हांसदा ने साहिबगंज में हो रहे अवैध खनन और उसमें शामिल लोगों की जानकारी देते हुए अपना बयान दर्ज करवाया. हांसदा ने जेल से ही हाइकोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच की अपील की.
आवेदन दायर कर अपनी मूल याचिका वापस लेने की अपील: विजय हांसदा ने कोर्ट में एक आवेदन दायर कर अपनी मूल याचिका वापस लेने की अपील की. क्योंकि उन्होंने बताया की ये याचिका उनके द्वारा दायर नहीं की गई थी क्योंकि जिस वक्त याचिका दायर की गई थी, वह उस वक्त जेल में था. किसी ने उसके नाम पर यह याचिका दायर कर दी है. इसलिए वह इसे वापस लेना चाहता है लेकिन अदालत ने उनकी बातों पर सन्देश है क्योंकि याचिका दायर करने के लिए जेल के सक्षम अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित कर वकालत नामा उसके वकील को दिया गया था.