दुमका :चुनाव आयोग द्वारा बिहार में वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के बाद 35.5 लाख मतदाताओं के पते पर न पाए जाने और 54.5 लाख मतदाताओं द्वारा फॉर्म नहीं भरे जाने का मुद्दा आगामी विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। इस संबंध में राष्ट्रीय जनता दल के नेता और झारखंड सरकार में श्रम नियोजन मंत्री संजय यादव ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल पर कि इस स्थिति से किस राजनीतिक दल को नुकसान हो सकता है, मंत्री संजय यादव ने इस वोटर लिस्ट को गलत बताये जाने पर चुनौती देते हुए कहा कि यदि यह वोटर लिस्ट गलत मानी जा रही है, तो बिहार के पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों को रद्द करके फिर से चुनाव कराए जाने चाहिए।संजय यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जब भी चुनाव का समय आता है, भारतीय जनता पार्टी (BJP) देश में ‘हिंदू-मुसलमान’ का मुद्दा उठाकर जनता को भ्रमित करने का काम करती है। उन्होंने अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों के मुद्दे पर केंद्र सरकार और सीमा सुरक्षा बल (BSF) को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि देश में अवैध अप्रवासी हैं, तो केंद्र सरकार उन पर कार्रवाई क्यों नहीं करती।18 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोतिहारी में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के आगामी बिहार विधानसभा चुनावों पर पड़ने वाले असर को लेकर भी मंत्री संजय यादव ने अपना मत व्यक्त किया। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का कोई खास असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने पिछले झारखंड विधानसभा चुनावों का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय भी प्रधानमंत्री मोदी के कई दौरे और कार्यक्रम हुए थे, लेकिन भाजपा बुरी तरह से हार गई थी।मंत्री संजय यादव ने दावा किया कि बिहार के युवाओं और महिलाओं ने आगामी विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव को आशीर्वाद देने का मन बना लिया है। अगले महीने बिहार में विधानसभा चुनावों की घोषणा होने की संभावना है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि मंत्री संजय यादव का यह पूर्वानुमान कितना सही साबित होता है।