रांची :झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन,मंत्री सत्यानंद भोक्ता एवं गिरीश वाघ, कार्यकारी निदेशक, टाटा मोटर्स लि० तथा अजय पाटिल, टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशन प्रा० लि० TCPL Green Energy Solution Pvt. Ltd Tata motors limited तथा TATA cummines limited का संयुक्त उपक्रम के साथ उद्योग विभाग झारखंड सरकार के बीच हाइड्रोजन इंजन निर्माण से परियोजना हेतु MoU हस्ताक्षर कार्यक्रम संपन्न हुआ।

झारखंड को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा करना लक्ष्य .
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि वैसे तो झारखंड कहने के लिए देश के पिछड़े राज्यों में शामिल है, परंतु हमारा राज्य पिछड़े राज्यों की लाइन में क्यों खड़ा है मैं इसकी मुकम्मल हल नहीं ढूंढ पाया हूं, लेकिन हल ढूंढने के लिए निरंतर प्रयासरत हूं। हमारी सरकार झारखंड के युवा पीढ़ी की सोच के अनुरूप, यहां की जन भावनाओं के अनुरूप विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर एक बेहतर कार्य योजना बनाते हुए राज्य को आगे बढ़ने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमसभी लोग इस सभागार में जिस कार्य के लिए एकत्रित हुए हैं यह सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य सरकार झारखंड की धरती पर हाइड्रोजन इंजन निर्माण के लिए टाटा मोटर्स एवं टाटा कमिंस के संयुक्त उपक्रम के साथ समझौता हस्ताक्षर कर रही है। हाइड्रोजन इंजन परियोजना के शुरुआती दौर में हाइड्रोजन इंजन का इस्तेमाल सिर्फ हैवी व्हीकल में किया जाएगा परंतु धीरे-धीरे इसके दायरे बढ़ेंगे तथा छोटे वाहनों में भी हाइड्रोजन इंजन इस्तेमाल करने की परिकल्पना को पूरा किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि ऐसे ही प्रयासों से झारखंड पिछड़े राज्यों की श्रेणी से निकलकर देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल होगा।

प्रकृति के साथ समन्वय स्थापित कर विकास के पथ पर आगे बढ़ने की जरूरत .
झारखंड प्रदेश का 30% हिस्सा जंगलों से घिरा हुआ है। छोटे-छोटे झार-वनों को मिला दें तो यह बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाता है। वर्तमान समय में देश और दुनिया के लिए जलवायु परिवर्तन तेजी से चुनौती बनकर उभर रहा है। क्लाइमेट चेंज को लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर बड़ी-बड़ी गोष्ठियां, सेमिनार आयोजित कर चर्चाएं हो रही हैं। जलवायु परिवर्तन को लेकर हमारी सरकार एक बेहतर कार्य योजना बनाते हुए जन सहभागिता के साथ कई क्षेत्रों में सकारात्मक कार्य कर रही है। दिल्ली जैसे शहर की जलवायु के विषय में हम लोग अक्सर सुनते आ रहे हैं। प्रकृति के साथ चुनौती मानव जीवन के लिए भारी पड़ता हुआ दिख रहा है। वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन का घातक असर दिख रहा है, इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। कहीं बेमौसम बरसात तो कहीं सुखाड़, कहीं बाढ़, विचित्र स्थिति बनी पड़ी है। प्रकृति के साथ ज्यादा छेड़-छाड़ करने का परिणाम भी हम सभी लोग देख रहे हैं। प्रकृति के साथ समन्वय स्थापित कर विकास के पथ पर आगे बढ़ने की जरूरत है।राज्य में हाइड्रोजन इंजन निर्माण परियोजना जलवायु परिवर्तन में सुधार के लिए मिल का पत्थर साबित होगा।