रांची :राज्यपाल-सह-झारखण्ड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने आज बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, राँची द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘एग्रोटेक किसान मेला-2025’ के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी कृषि विश्वविद्यालय अथवा कृषि अनुसंधान केंद्र का दायित्व है कि वे किसानों के हित की सोचें। वैज्ञानिक एवं शोधकर्ताओं को सदैव किसानों के लाभ हेतु तत्पर तथा सक्रिय रहना चाहिए। कहा गया है कि ‘अन्नदाता सुखी भवः’। इसलिए जब अन्नदाता सुखी होंगे, तभी हम सभी भी सुखी रह सकेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि झारखंड एक कृषि प्रधान राज्य है, जहाँ 70% से अधिक आबादी गाँवों में निवास करती है और कृषि उनकी आजीविका का मुख्य साधन है। उन्होंने कहा कि वे किसानों की कठिनाइयों और चुनौतियों से भली-भाँति अवगत हैं। वह अथक परिश्रम करते हैं, लेकिन कई बार उन्हें उनके श्रम का उचित मूल्य नहीं मिल पाता, जो हम सभी के लिए चिंता का विषय है। किसानों को उनकी फसल एवं उपज का उचित मूल्य मिले और उनकी आय में वृद्धि हो, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हमें एक-फसली तक सीमित न रहकर बहुफसली खेती की ओर ध्यान देना होगा। किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें प्राथमिक कृषि से माध्यमिक कृषि की ओर बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे किसान आत्मनिर्भर बनें तथा हमारा राज्य कृषि के मामले में न केवल आत्मनिर्भर बनें, बल्कि अन्य राज्यों को निर्यात भी करें। कृषि वैज्ञानिकों को पूरी निष्ठा एवं लगन से कार्य करना होगा। उन्हें किसानों के बीच खेतों में जाना होगा तथा यह जानकारी देनी होगी कि कौन-सा भू-भाग किस प्रकार की खेती एवं फसल के लिए उपयोगी है। हमारे कृषि वैज्ञानिकों एवं विद्यार्थियों को केवल प्रयोगशाला में अनुसंधान तक सीमित नहीं रहना है, बल्कि उन्हें विभिन्न ग्रामों का भ्रमण कर किसानों के बीच रहकर कार्य करना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि झारखंड की भूमि सब्जी उत्पादन, वानिकी एवं फूल उत्पादन के लिए भी उपयुक्त है। यहाँ के किसान यदि इन क्षेत्रों में कृषि करें तो उन्हें अच्छी आमदनी हो सकती है। उन्होंने कहा कि गर्व की बात है कि झारखंड को दलहन की अच्छी पैदावार के लिए कई बार कृषि कर्मण पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है।
राज्यपाल ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किसानों की स्थिति में सुधार हेतु कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। ‘पीएम किसान सम्मान निधि योजना’ एवं ‘किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ के माध्यम से देश के किसानों को सहायता पहुंचाने हेतु उल्लेखनीय प्रयास किया गया है। प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्ष 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष’ के रूप में मनाया गया, जिससे मोटे अनाजों की महत्ता को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली।
राज्यपाल महोदय ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस मेले के माध्यम से किसानों को वैज्ञानिक उपकरणों और कृषि विशेषज्ञों से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ होगा। इसके साथ ही, उन्हें एक-दूसरे से उन्नत कृषि तकनीकों पर विचार-विमर्श करने का भी अवसर मिला होगा।