रांची: कल हाई कोर्ट में गृह मंत्रालय के द्वारा एक हलफ नामा दायर हुआ, जिसमें संथाल परगना में डेमोग्राफी चेंज का कारण बताया गया है, इस मामले पर मंगल को सुनवाई होगी लेकिन इससे पूर्व कल बीजेपी के द्वारा एक बयान आ गया और इसके लिए बांग्ला देशी घुसपैठ को ज़िम्मेदार बनाया गया। जबकि गृह मंत्रालय के हलफनामा में कहीं इस बात का जिक्र नहीं है की बांग्लादेश से लोग आकर यहां रह रहे हैं। यह बातें जेएमएम के केन्द्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में कही।
मौके पर उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय के हलफनामे में1961 को बेस लाइन माना गया है 50 वर्षों में यानी 2011 में इसमे परिवर्तन लाज़मी है। भट्टाचार्य ने कहा कि रांची के एक बाशिंदे जिनकी उम्र 97_ 98 साल है मैने उनसे पूछा रांची में लोगों का आना कब से शुरू हुआ तो उन्होंने बताया कि जब एचईसी की स्थापना हुई और पूरे राज्य में उद्योग कल कारखाने स्थापित हुए इस वक्त से झारखंड के इलाके में लोगों का आना शुरू हुआ है। उस वक्त रांची की 3 लाख से भी कम थी आज सिर्फ़ रांची शहर की आबादी 35 लाख से ज्यादा है। उस समय मूलतः आदीवासी सबसे बड़ी कम्यूनिटी थी और बंगाली दूसरी और आज की स्थिती यह है कि बंगाली यहां की दूसरी सबसे बड़ी किमुनिति नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि देश जब आज़ाद हुआ उस समय आबादी 35 करोड़ थी आज सवा अरब से ज्यादा है। इस दृष्टि से देखें तो संथाल में डेमोग्राफी कहां अलग है।
जेएमएम नेता ने कहा कि बीजेपी के पास कोई मुद्दा नही रह गया इसलिए कम्युनल बातें कर रहे हैं। लेकिन इसमें न्यायलय को लाया जाना दुखद है।न्यायलय में विचाराधीन मुद्दों पर पार्टी कार्यालय में चर्चा चिंतनीय है। कोर्ट अपना फ़ैसला सुनाएगा। संथाल में पुराने समय से खासकर साहिब गंज, पाकुड़ बंगला भाषी इलाका है और भाषा के आधर पर नफ़रत फैलाना सही नहीं है।उन्होने अपना बयान जारी रखते हुए कहा कि केन्द्र सरकार मजाक बनाके रखी है ।NRC की बात की जाती है।आदिवासीयों को भी सरना गैर सरना में बांटने की कोशिश हो रही है ।आसाम मे NRC हुआ लेकिन नतीजा क्या निकला। NRC खत्म ।यह कबीर ,गुरुनानक, बुध ,महावीर का देश है। कोर्ट से बिनती करता हूं कि कार्ट में चलने वाले मामलों पर पार्टी ऑफिस में विवेचना पर स्वतः संज्ञान ले । नुमाइंदा मुंशी के द्वारा वक्त संशोधन बिल से संबंधित सवाल पर सुप्रयोग भट्टाचार्य ने कहा कि यह निजी मामलों पर हस्तक्षेप की कोशिश है हमारी पार्टी इस बिल का कड़े शब्दों में विरोध करती हैरांचीसिफ टीवी के लिए मोहम्मद अनवर हुसैन की रिपोर्ट पर पुनर्विचार करना चाहिए .