झारखंड का सफल आयोजन रांची स्थित बीएनआर चाणक्य सभागार में किया गया। इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य राज्य में आईसीयू और सीसीयू स्तर पर गंभीर रोगियों के उपचार प्रबंधन को मजबूत बनाना रहा
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. नेहा अरोड़ा, विशेष सचिव, स्वास्थ्य विभाग, झारखंड सरकार ने की। इस अवसर पर अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड श्री शशि प्रकाश झा, अपर सचिव श्री विद्यानंद शर्मा पंकज, डीआईसी श्री सिद्धार्थ सान्याल, रिम्स के प्रो. डॉ. प्रदीप भट्टाचार्य, एम्स भोपाल के डॉ. सौरभ सैगल (online) सहित राज्य के सभी सिविल सर्जन और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। लगभग 250 से अधिक प्रतिभागियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया।
झारखंड में क्रिटिकल केयर सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में ठोस पहल
विशेष सचिव डॉ. नेहा अरोड़ा ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य है कि झारखंड के सभी जिलों में आईसीयू/सीसीयू सेवाएं प्रभावी और जवाबदेह बनें। उन्होंने कहा —“अब जिला अस्पताल सिर्फ रेफरल सेंटर नहीं रहेंगे, बल्कि गंभीर मरीजों को स्थिर करने और प्राथमिक उपचार देने में सक्षम बनेंगे। सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर ऐसा तंत्र विकसित करें जिससे हर मरीज को समय पर जीवन रक्षक चिकित्सा मिल सके।”
हर जिला अस्पताल में सक्रिय ICU यूनिट हमारा संकल्प” — शशि प्रकाश झा*
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक श्री शशि प्रकाश झा ने कहा कि विभाग का लक्ष्य है कि हर जिला अस्पताल में सशक्त आईसीयू और क्रिटिकल केयर यूनिट स्थापित हों। उन्होंने कहा —“संसाधनों की कमी नहीं है, जरूरत है प्रबंधन और उपयोग की दक्षता बढ़ाने की। हमारा उद्देश्य है कि कोई भी मरीज सुविधा या वेंटिलेटर की कमी से अपनी जान न गंवाए।”
अपर सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज ने कार्यक्रम में अपने स्वागत संबोधन में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अस्पतालों में चिकित्सा प्रबंधन हेतु स्पष्ट और मानकीकृत गाइडलाइंस तैयार की जा रही हैं। इसी क्रम में विभाग ने एक ड्राफ्ट एसओपी (Standard Operating Procedure) तैयार किया है, जिस पर विशेषज्ञों से सुझाव लिए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों के सुझाव: राज्य में क्रिटिकल केयर नेटवर्क का विस्तार
डॉ. प्रदीप भट्टाचार्य (RIMS, रांची) ने कहा कि राज्य में क्रिटिकल केयर नेटवर्क को मज़बूत बनाने के लिए एसओपी का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि अगले 2 से 3 वर्षों में झारखंड को देश का मॉडल स्टेट बनाया जा सकता है।
सिद्धार्थ सान्याल, निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं, ने कहा कि एक समान ICU Admission & Discharge Protocol बनाना जरूरी है ताकि हर अस्पताल में मरीजों की देखभाल का एक मानक तय हो सके।
मुख्य वक्ताओं ने रखे विचार
डॉ. सौरभ सैगल (AIIMS भोपाल) – टेली-ICU नेटवर्किंग और 24×7 विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रणाली पर जोर।
डॉ. बिक्रम गुप्ता (BHU वाराणसी) – जनशक्ति सुदृढ़ीकरण और अवसंरचना विकास पर सुझाव।
डॉ. संजीव कुमार (IGIMS, पटना) – एकीकृत ट्रॉमा एवं क्रिटिकल केयर प्रोटोकॉल अपनाने की आवश्यकता पर बल।
डॉ. एस. के. सिंह – राज्य स्तरीय ICU प्रबंधन सुधार हेतु समयबद्ध कार्ययोजना पर चर्चा।
तकनीकी सत्रों में हुई गहन चर्चा*
सम्मेलन में विशेषज्ञों ने निम्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की* —
IPHS Review एवं Admission Criteria
Management of Critically Ill Patients
Standardized Critical Care & Trauma Protocols
Safe Discharge & Transfer Protocols
Tele-ICU Implementation
Manpower & Training Needs
राज्य के पांच मेडिकल कॉलेजों में पहले से ही आईसीयू की सुविधाएं उपलब्ध हैं, और सरकार सभी जिला अस्पतालों में इसे विस्तारित करने की दिशा में कार्यरत है।
सम्मेलन का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ
कार्यक्रम के समापन सत्र में डीआईसी श्री सिद्धार्थ सान्याल ने सभी वक्ताओं, विशेषज्ञों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने कहा — “यह सम्मेलन झारखंड में ICU/CCU प्रबंधन को सशक्त करने की दिशा में एक ठोस कदम है। विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर राज्य में क्रिटिकल केयर सेवाओं को नई दिशा मिलेगी।
घाटशिला उपचुनाव में सियासी संग्राम तेज !
ँ जमशेदपुर: घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में अब प्रचार का पारा चढ़ने लगा है। भाजपा और झामुमो दोनों ही दल अपने-अपने...










