पटना : बिहार में जातीय गणना का आंकड़ा पेश कर दिया गया है। गांधी जयंती के मौके पर नीतीश कुमार ने यह फैसला लिया कि बिहार में जो जाति आधारित गणना करवाई गई उसका रिपोर्ट जारी कर दिया गया है। गांधी जयंती के दिन पर जाति आधारित गणना 2022 कार्य के सर्वेक्षण के आंकड़े को प्रकाशित कर दिया गया है। इसको लेकर सर्वदलीय बैठक में फैसला किया गया था जाति आधारित गणना करने के प्रस्ताव पर कर मुहर लगी थी।
आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई !
जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था।…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 2, 2023
जाति आधारित गाना रिपोर्ट में जो आगरे दिए गए हैं उसके मुताबिक राज्य में सामान्य वर्ग की कुल आबादी 15.52 है। अनुसूचित जाति की कुल जनसंख्या 19.56 है। अनुसूचित जनजाति की कुल संख्या 1.68% है। पिछड़ा वर्ग 27.12% है। अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36. 01 है। कोइरी- 4.2 कुर्मी- 2.8 कायस्थ- .60 मोची,चमार,रविदास- 5.2 ब्राह्मण- 3.65 भूमिहार- 2.86 मुसहर- 3.08 राजपूत- 3.45 बनिया- 2.31 मल्लाह- 2.60 यादव- 14.26 है।दरअसल, राज्य में जातीय गणना का पहला चरण 7 जनवरी से शुरू हुआ था। इस चरण में मकानों की सूचीकरण, मकानों को गिना गया। यह चरण 21 जनवरी 2023 को पूरा कर लिया गया था। जातीय गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ था। जिसे 15 मई को पूरा हो जाना था। लोगों से डेटा जुटाए गए। दूसरे चरण में परिवारों की संख्या, उनके रहन-सहन, आय आदि के आंकड़े जुटाए गए।