पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा की महिला आरक्षण बिल को लेकर कॉग्रेस पार्टी द्वारा इसका क्रेडिट लेने के पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो शुरू से ही महिला आरक्षण के पक्षधर रहे हैं। संसद में मेरा दिया गया भाषण देख लीजिए । संसद और विधानसभा सब जगह महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन दिक्कत है कि ये लोग तो लागू करेंगे नहीं। यह तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था। हर 10 साल पर जनगणना होनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। यह हमेशा समय पर होना चाहिए।
संसद में जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है, वह स्वागत योग्य कदम है।
हम शुरू से ही महिला सशक्तीकरण के हिमायती रहे हैं और बिहार में हमलोगों ने कई ऐतिहासिक कदम उठाये हैं। वर्ष 2006 से हमने पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया।
वर्ष…— Nitish Kumar (@NitishKumar) September 19, 2023
हमने कहा कि इसमें जाति आधारित गणना भी होनी चाहिए। महिलाओं को सबसे पहले 50 प्रतिशत का आरक्षण हमने ही दिया। वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं में और वर्ष 2007 में नगर निकायों में हमने महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। हमने बड़ी संख्या में बहाली भी शुरू की। प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण हमने दिया। बाद में सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत सीट आरक्षित कर दी गई। पुलिस में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया । आज बिहार में पुलिस में जितनी भागीदारी महिलाओं की है उतनी देश में कहीं नहीं है। स्वयं सहायता समूह में बड़ी संख्या में महिलाएं जीविका दीदियों के माध्यम से शामिल हुईं। महिलाओं के लिए बिहार में काफी काम किए गए हैं। हमारी मांग है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण मिलना चाहिए।