गिरिडीह : झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज गिरिडीह की संकल्प सभा में हेमंत सोरेन जमकर निशाना साधा। बारिश के बीच हजारों की संख्या में सभा में पहुंचे लोगों का आभार प्रकट किया। यह उत्साह बता रहा कि 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में जनता का मिजाज क्या है।
उन्होंने कहा कि ईडी जांच के संदर्भ में जिस प्रकार हेमंत सरकार के कारनामे उजागर हुए हैं उससे भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा उजागर हुई है। जनता को आज पता चला कि कैसे फाइल का मतलब एक लाख,फोल्डर का मतलब एक करोड़ और बॉस का मतलब निश्चित तौर पर और कोई नही मुख्यमंत्री ही होगा।क्योंकि राज्य सरकार का बॉस तो मुख्यमंत्री ही होता है। मुख्यमंत्री जी अब तो मीडिया भी वही बात बोल रही जो भाजपा आपके लिए बोल रही। जनता बोल रही। क्या राज्य की जनता ने हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री इसीलिए बनाया था? आदिवासी का मतलब क्या राज्य को लूटना और लुटवाना होता है? हिम्मत है तो बताइए लगभग 4वर्षों में आपने आदिवासियों के विकास केलिए कौन से काम किए। हेमंत सोरेन और उनके परिवार ने राज्य में दलालों,बिचौलियों ,लुटेरों को कोयला,लोहा, पत्थर,बालू सब लूटने की छूट दे दी। खुद आदिवासियों की जमीन को नामी,बेनामी तरीके से लूटा। महाजन के खिलाफ लड़ते लड़ते खुद राज्य के सबसे बड़े महाजन बन बैठे। आज संथाल परगना,रांची,बोकारो सभी जगह हेमंत सोरेन,और शिबू सोरेन परिवार की जितनी जमीन है उतनी किसी परिवार के पास नही है। अंचल,थाना ब्लॉक ,जिला किसी ऑफिस में जाएं बिना पैसे के कोई काम नही होता। आय प्रमाण पत्र,आवास, जाति प्रमाण पत्र क्या मृत्यु प्रमाण पत्र केलिए भी पैसे देने पड़ते है। राशन कार्ड में नाम जुड़वाने केलिए भी पैसे देने पड़ते हैं। ऑफिसर बोलते है देकर आए हैं तो लेंगे ही।पद पोस्ट को मोबाइल की तरह रिचार्ज कराना पड़ता है।मुख्यमंत्री ,मंत्री सभी ट्रांसफर पोस्टिंग में पैसा ले रहे तो फिर भ्रष्टाचार कैसे रुकेगा। टेस्ट किया हुआ नुस्खा है जिस दिन मंत्री ट्रांसफर पोस्टिंग में पैसा लेना बंद कर देंगे भ्रष्टाचार वहीं से खत्म होने लगेगा। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री गरीबों का अनाज लूट कर अपनी तिजोरी भर रहे।आज राज्य में गरीब भूख से मरने को विवश हैं।राज्य की कानून व्यवस्था ध्वस्त है। पुलिस अपराधियों को पकड़ने में नही बल्कि वसूली में लगी हुई है। रोज हत्या ,लूट,अपहरण ,डकैती की घटनाएं हो रही।बहन बेटियों की इज्जत सुरक्षित नहीं है। विगत 6 महीनो में राज्य में 23 व्यापारियों की हत्या हुई है जिसमे 9ने पुलिस से लिखित आवेदन देकर सुरक्षा मांगी थी। मुख्यमंत्री इसकी एसआईटी गठित कर जांच कराए या सीबीआई जांच की अनुशंसा करें। और अगर ये सरकार नही करती तो भाजपा सरकार जांच कराकर दोषियों को कड़ी सजा दिलाएगी। मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार और अपराध के संरक्षक हैं। आज ईडी जब कारवाई कर रही तो भागे फिर रहे। सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट में दलालों, बिचौलियों को बचाने केलिए करोड़ों रुपए वकीलों को दे रहे। पूछताछ से भाग रहे।कहा कि आखिर क्यों?जब कोई गलती नही की तो डर क्यों? कहां गया हेमंत है तो हिम्मत है का नारा। आज राज्य में अपराधियों लुटेरों को हिम्मत है और जनता भयभीत है। कांग्रेस झामुमो राजद की सरकार परिवार केलिए और कमाने केलिए बनी है। राज्य का विकास तो भाजपा और एनडीए सरकार ही करती है।