रांची: आईएचएसएम स्टूडेंट और पैरेंट्स मीट का आयोजन प्राइम एडुटेक, राँची के द्वारा आईएमए हॉल में किया गया। इस कार्यक्रम में झारखण्ड और बिहार के 200 से अधिक मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र/छात्राओं तथा उनके अभिभावकों को सम्मानित किया गया।
डीन डॉ० जी० भानुप्रकाश ने बताया कि हमारे “इंटरनेशनल हायर स्कूल ऑफ मेडिसीन बिस्केक, किर्गिस्तान, में 90% से अधिक छात्र/छात्राएँ इंडिया से हैं और मेडिकल की उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यहां एनएमसी के गाइडलाइन्स को फॉलो किया जाता है । यह मेडिकल कॉलेज विशषतः इण्डियन मैनेजमेन्ट द्वारा चलाया जाता है। इस स्टूडेंट्स पैरेन्ट्स मीट में चीफ गेस्ट के रूप में आईएचएसएम के डीन डॉ० जी. भानुप्रकाश, स्पेशल गेस्ट के रूप में लेक्चरर अजिजा अझीबेकोवा, सिजोरा जकीरोवा (स्पेशलिस्ट ऑफ इंटरनेशनल को-ऑपरेशन सेंटर) रिजनल डायरेक्टर सदानन्द मंडल एवं प्राइम ग्रुप के डायरेक्टर डॉ० नूतन मंडल तथा अन्य लोग उपस्थित थे। झारखण्ड एवं बिहार के ऐसे छात्र/छात्राएँ जो फाइनेंशियली उतने स्ट्रांग या अफोर्डेबल नहीं हैं, कि वे प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में अपनी पढ़ाई कर सकें, करोड़ो रूपये खर्च कर सकें। ऐसे में इंटरनेशनल हायर स्कूल ऑफ मेडिसीन के डायरेक्टर डॉ० फणीभूषण का उद्देश्य है कि ऐसे मेडिकल छात्र/छात्रायें भी अपने सपने साकार कर सकें तथा कम से कम खर्च में मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर सकें ।प्राइम एडुटेक के संस्थापक तथा आईएचएसएम के रिजनल डायरेक्टर सदानन्द मंडल ने बताया कि इस वर्ष नीट की परीक्षा में लगभग 25 लाख बच्चों ने परीक्षा दी थी जिसमें लगभग 13 लाख बच्चे क्वालीफाई कर चुके हैं लेकिन इंडिया में मेडिकल की सीटें लगभग डेढ़ लाख ही हैं। ऐसे में देखा जाय तो लगभग 11.5 लाख बच्चों को मेडिकल की सीटें नहीं मिल पायेंगी और प्राइवेट कॉलेजों की फीस इतनी ज्यादा है कि छात्रों तथा उनके अभिभावकों के सपने कैसे पूरे हो? ऐसे ही छात्रों के लिए प्राइम एडुटेक विगत 13 वर्षों से एक प्लेटफॉर्म प्रदान कर रही है।