थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के माध्यम से एचआईवी संक्रमण की आशंका का मामला अत्यंत गंभीर है।
दो दिन पूर्व यह मामला मेरे संज्ञान में आया था, जिसके बाद मैंने तत्काल उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। जांच के क्रम में एक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे में एचआईवी संक्रमण की प्राथमिक पुष्टि हुई है।
इस गंभीर मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए चाईबासा के सिविल सर्जन,एचआईवी यूनिट के प्रभारी चिकित्सक तथा संबंधित टेक्नीशियन —
सभी को तत्काल प्रभाव से निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया है।
मैंने एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है और उसे एक सप्ताह के भीतर पूरी जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह स्पष्ट रूप से कहा है कि जांच में यह सुनिश्चित किया जाए कि रक्त आपूर्ति रक्त अधिकोष (Blood Bank) से हुई थी या बाहर से।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि एचआईवी संक्रमण की पूरी पुष्टि में लगभग चार सप्ताह का समय लगता है। विंडो पीरियड के दौरान यदि संक्रमित व्यक्ति का रक्त ट्रांसफ्यूज हो जाए, तो संक्रमण की ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ज्ञात हो कि डेढ़ वर्षो में बच्चों ने 32 बार प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन किया है ।
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