गुजरात :35 गेंदों पर IPL शतक जड़कर सुर्खियां बटोरने वाले वैभव सूर्यवंशी ने अपने संघर्षों की कहानी साझा करते हुए बताया कि कैसे उनकी मां सिर्फ 3 घंटे सोती थीं और पिता ने उनका क्रिकेट सपना पूरा करने के लिए अपना काम छोड़ दिया था. परिवार ने कठिन परिस्थितियों में घर चलाया, लेकिन वैभव के क्रिकेटर बनने के सपने को जिंदा रखा.
आज उनकी मेहनत और परिवार के त्याग ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है. वैभव ने IPL T20 संग बात करते हुए अपनी ऐतिहासिक पारी, अपने संघर्ष, परिवार के सपोर्ट और आगे के लक्ष्य के बारे में बात की.
वैभव ने कहा- ‘जो भी मैं आज हूं अपने पैरेंट्स की वजह से हूं. मेरी प्रैक्टिस की वजह से मां 2 बजे रात में उठती थीं. वो रात में 11 बजे सोती थीं और केवल तीन घंटे की नींद लेती थीं. फिर मेरे लिए वो खाना बना रही हैं. पापा ने काम छोड़ दिया, मेरा बड़ा भाई पापा का काम संभाल रहा है और उसी से घर चल रहा है. और पापा मेरे पीछे लगे हुए हैं कि तुम करेगा, तुम करेगा, तुम करेगा… भगवान देखते हैं कि मेहनत करने वाले को कभी असफलता नहीं मिलती है.’
ये शब्द 14 साल के वैभव सूर्यवंशी के हैं, जिन्होंने 28 अप्रैल को हुए आईपीएल मुकाबले में गुजरात टाइटन्स के खिलाफ राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए महज 35 गेंदों पर शतक जड़कर कई रिकॉर्ड अपने नाम किए.
आईपीएल में खेली गई इस पारी से उन्होंने यह भी साबित किया यह मंच जिसे Talent Meets Opportunity के तौर पर परिभाषित किया जाता है, वह वैभव जैसे खिलाड़ियों के लिए ही है. क्योंकि वैभव जैसे टैलेंट को जो मौका (Opportunity) मिला तो उसने कर दिखाया कि उसमें कितना दम है.
वैभव ने IPL T20 से बात करते हुए अपनी ऐतिहासिक पारी के बारे में बात की. उन्होंने कहा- बहुत दिन से इस पारी की तैयारी कर रहा था. और आज रिजल्ट मिला तो अच्छा लगा, आगे और अच्छा करने की कोशिश करूंगा. टीम के लिए कंट्रीब्यूट करना चाहता हूं. इस दौरान उन्होंने अपने माता-पिता के संघर्ष को इस इंटरव्यू में याद किया.
वैभव ने इस इंटरव्यू के दौरान राजस्थान रॉयल्स के ट्रायल्स की कहानी भी बताई. उन्होंने कहा- जब मैं जब ट्रायल (राजस्थान रॉयल्स के ट्रायल) में गया था तो वहां विक्रम (राठौड़) सर और रोमी (भिंडर) सर थे. रोमी सर टीम के मैनेजर हैं. मैंने तब ट्रायल में अच्छी बल्लेबाजी की थी. तब उन्होंने बोला था कि हम तुम्हे अपनी टीम में लेने का ट्राय करेंगे. मैं जब टीम में आया तो सबसे पहले उनका कॉल आया था. उन्होंने मुझे बधाई दी थी और फिर उन्होंने राहुल (द्रविड़) सर से बात करवाई थी. काफी अच्छी फीलिंग थी. क्योंकि राहुल सर के अंडर ट्रेनिंग करना, काम करना… खेलना, एक नॉर्मल क्रिकेटर के लिए ड्रीम से कम नहीं है.
वैभव ने इसी इंटरव्यू में आगे कहा- मुझे सीनियर्स से काफी सपोर्ट मिलता है. कोचिंग स्टाफ से भी मदद मिलती है. संजू भइया, रियान भइया, यशस्वी भइया, नीतीश भइया भी मदद को तैयार रहते हैं. ये सभी मुझसे पॉजिटिव बातें करते हैं. मुझे ये लोग कॉन्फिडेंस देते हैं कि तू कर सकता है, तू टीम को जिता सकता है, इस वजह से मेरा कॉन्फिडेंस काफी हाई रहता है. थोड़ा सा तो नर्वस रहता हूं क्योंकि आईपीएल का मैच है. लेकिन ऐसा कोई प्रेशर नहीं रहता है कि क्या होगा, क्या होगा? वो सब इन सभी से बात करके नॉर्मल हो जाता है.
पहली बॉल पर छक्का मारना नॉर्मल
वैभव ने इस इंटरव्यू में यह भी कहा कि पहली गेंद पर छक्का मारना उनके लिए नॉर्मल था. क्योंकि वो यह सब अंडर 19 टीम इंडिया के लिए और डोमेस्टिक मैचों में ऐसा कर चुके थे. क्योंकि मुझे एक चीज मालूम थी कि अगर मेरे रडार में गेंद आएगी तो मैं मारुंगा. मैंने दिमाग में यह नहीं सोचा था कि यह बड़ा बॉलर है. अभी मुझे इंडिया के लिए कंट्रीब्यूट करना चाहता हूं , खेलना चाहता हूं, तो उसी हिसाब से तैयारी करनी है.
मैं ज्यादा नहीं सोचता हूं : वैभव सूर्यवंशी
35 गेंदों पर शतक जड़ने वाले वैभव ने अपनी पारी में 11 छक्के लगाए और 7 चौके जड़े. वो प्लेयर ऑफ द मैच भी रहे. मैच के बाद उन्होंने कहा- बहुत अच्छा लग रहा है. यह आईपीएल में मेरा पहला शतक है और मेरी तीसरी पारी थी. टूर्नामेंट से पहले जो प्रैक्टिस की थी, उसका अब अच्छा नतीजा मिल रहा है. मैं बस गेंद को देखता हूं और खेलता हूं. यशस्वी जायसवाल के साथ बैटिंग करना अच्छा लगता है, वह मुझे समझाते हैं कि क्या करना है और हमेशा पॉजिटिव बात करते हैं. आईपीएल में शतक बनाना मेरा सपना था और आज वह पूरा हो गया. मुझे कोई डर नहीं लगता. मैं ज्यादा नहीं सोचता, सिर्फ खेल पर ध्यान देता हूं.
वैभव सूर्यवंशी गुजरात टाइटन्स के खिलाफ महज 35 गेंदों में शतक जड़कर आईपीएल में शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए. सोमवार (28 अप्रैल) को उनके जादुई शतक के दम पर राजस्थान रॉयल्स ने जीत के लिए 210 रनों का लक्ष्य 25 गेंदें बाकी रहते हासिल कर लिया.आईपीएल के इतिहास का यह दूसरा सबसे तेज शतक है. वह पुरुष टी20 क्रिकेट में शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी भी बने. वह 38 गेंदों में 101 रन बनाकर आउट हुए आईपीएल में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के क्रिस गेल के नाम है, जिन्होंने अप्रैल 2013 में पुणे वॉरियर्स के खिलाफ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के लिए 30 गेंद में शतक जमाया था.