धनबाद :झारखंड राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज सरस्वती विद्या मंदिर, रतनपुर, टुंडी, धनबाद में आयोजित प्रांतीय खेलकूद प्रतियोगिता के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आए बच्चों को खेल भावना, अनुशासन और आत्मविश्वास के साथ प्रतिस्पर्धा करना अत्यन्त सुखद है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन बच्चों के शारीरिक, मानसिक एवं नैतिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि खेलकूद केवल पदक या पुरस्कार प्राप्त करने का माध्यम ही नहीं है, बल्कि यह जीवन के मूल्यों का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि खेल भावना अनुशासन सिखाते हैं, हार को सहजता से स्वीकार करना और जीत को विनम्रता के साथ आत्मसात करना सिखाते हैं। इससे सहयोग, नेतृत्व, समय-प्रबंधन तथा लक्ष्य के प्रति समर्पण जैसे गुण विकसित होते हैं, जो जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि बाल्यावस्था में खेलों के प्रति रुचि विकसित करना एक स्वस्थ, सशक्त और आत्मविश्वासी समाज के निर्माण की मजबूत आधारशिला है।
राज्यपाल ने विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, नई दिल्ली से संबद्ध विद्या विकास समिति, झारखण्ड द्वारा शिक्षा के साथ-साथ संस्कार, संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना के संवर्धन हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि शहरी, ग्रामीण, जनजातीय एवं उपेक्षित क्षेत्रों में विद्यालयों और संस्कार केन्द्रों के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए किया जा रहा कार्य अत्यंत प्रशंसनीय है। उन्होंने हर्ष व्यक्त किया कि इन संस्थानों में बड़ी संख्या में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के भैया-बहन अध्ययनरत हैं और अपनी प्रतिभा के बल पर निरंतर प्रगति कर रहे हैं।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि वनवासी एवं दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार अनेक चुनौतियों से भरा रहा है, किंतु जब कोई संगठन नि:स्वार्थ भाव से शिक्षा का दीप प्रज्वलित करता है, तो वह केवल विद्यालय नहीं, बल्कि राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करता है। उन्होंने कहा कि 18 दिसंबर से प्रारंभ इस प्रांतीय खेलकूद प्रतियोगिता में लगभग 500 प्रतिभागियों की सहभागिता यह दर्शाती है कि यहाँ बच्चों में खेलों के प्रति उत्साह और आगे बढ़ने का दृढ़ संकल्प निरंतर सशक्त हो रहा है। ऐसे आयोजन प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें आगे बढ़ने का सशक्त मंच प्रदान करते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में ‘खेलो इंडिया’ जैसे अभियानों के माध्यम से देश में खेलों को नई दिशा मिली है। हाल ही में घोषित ‘राष्ट्रीय खेल नीति–2025’ भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
राज्यपाल ने कहा कि झारखण्ड की धरती सदैव से खेल प्रतिभाओं से समृद्ध रही है। इस राज्य ने क्रिकेट जगत को महेन्द्र सिंह धौनी जैसे विश्वविख्यात खिलाड़ी दिए, जिनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने वर्ष 2011 में विश्व कप हासिल करने का गौरव प्राप्त किया। झारखण्ड को खेल जगत में ‘लैंड ऑफ आर्चरी’ के रूप में भी जाना जाता है। दीपिका कुमारी जैसी विश्वस्तरीय तीरंदाज तथा अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी कोच पूर्णिमा महतो ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन किया है। हॉकी के क्षेत्र में सलिमा टेटे और निक्की प्रधान जैसी खिलाड़ियों ने भी वैश्विक स्तर पर अपनी सशक्त पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए गर्व का विषय है कि भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान झारखण्ड की बेटी सलिमा टेटे हैं।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि झारखण्ड की मिट्टी में संघर्ष, परिश्रम और समर्पण की भावना स्वाभाविक रूप से समाहित है। आवश्यकता है कि विद्यालय स्तर से ही बच्चों में खेलों के प्रति अभिरुचि को प्रोत्साहित किया जाए तथा उन्हें उचित प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और अवसर उपलब्ध कराए जाएँ। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस मंच से निकले अनेक भैया-बहन भविष्य में राज्य और देश का नाम राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करेंगे।
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया !
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