राफ़िया नाज़ ने सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि मैया सम्मान योजना असल में महिलाओं के सम्मान नहीं, बल्कि सरकार की राजनीतिक नौटंकी है। नाज़ ने कहा कि यह सरकार चुनाव से पहले वादे करती है और चुनाव के बाद उन्हें कूड़ेदान में फेंक देती है। “महिलाओं के नाम पर यह सबसे बड़ा राजनीतिक छल है,”
राफ़िया ने कहा कि प्रदेश के दर्जनों जिलों से लगातार शिकायतें आ रही हैं कि महिलाओं को फॉर्म तक उपलब्ध नहीं कराए जा रहे। नाज़ ने कहा कि यह शर्मनाक है कि जिन महिलाओं के लिए योजना बनाई गई, वही महिलाएँ दफ्तर-दफ्तर भटकने को मजबूर हैं, लेकिन सरकारी तंत्र उन्हें फॉर्म तक नहीं दे पा रहा। ऐसी योजना का क्या उपयोग, जिसमें प्रवेश-द्वार ही बंद हो?
नाज़ ने कहा कि जिन महिलाओं ने किसी तरह फॉर्म भरे,उनमें से 65% महिलाओं को आज तक एक पैसे की भी राशि नहीं मिली। राफ़िया ने आरोप लगाया कि सरकार ने महिलाओं को झूठे आश्वासनों और खोखली तारीखों के सिवाय कुछ नहीं दिया,एक तरफ़ मैया सम्मान योजना की लॉलीपॉप और दूसरी तरफ़ सरकारी सहायता के सारे दरवाज़े बंद। “सरकार महिलाओं का पैसा रोककर बैठी है और आम जनता को सपना दिखा रही है। यह शर्मनाक और निर्दयी सरकार है,
राफ़िया नाज़ ने कहा कि सरकार और उसके अधिकारी मिलकर इस योजना को फर्जी आंकड़ों और पोस्टर बाज़ी के दम पर चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि असल में योजना आधी से ज़्यादा जिलों में ठप पड़ी है, लेकिन सरकार झूठ को ही उपलब्धि बनाकर बेच रही है। “यह सरकार जनता को सत्य नहीं, सिर्फ़ प्रचार और भ्रम देती है। यह ‘सम्मान योजना’ नहीं—‘वोट योजना’ है
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