पलामू : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार के तीसरे चरण के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कहा कि “आपकी योजना -आपकी सरकार -आपके द्वार” कार्यक्रम के तहत आयोजित हो रहे सभी शिविरों पर मैं नजर रख रहा हूं। जिन शिविरों में जा रहा हूं , वहां यह देखने का प्रयास कर रहा हूं कि वास्तव में लाभुकों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं । मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि शिविरों में मेला जैसा माहौल है । लोगों में उत्साह चरम पर है और योजनाओं का लाभ लेने के लिए विभिन्न काउंटरों पर भीड़ उमड़ रही है।
मुख्यमंत्री लोगों से कहा कि चाहे आपको राशन कार्ड बनवाना हो या पेंशन योजना का लाभ लेना। जाति, आवासीय, शैक्षणिक या अन्य प्रमाण पत्र की जरूरत हो या फिर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ना चाहते हैं। आपको प्रखंड और डीसी ऑफिस का अब बार-बार चक्कर नहीं लगाना होगा। “आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार ” कार्यक्रम के तहत लगने वाले शिविरों में आप आएं । आपको यहां आपकी जरूरत के अनुकूल योजना से आच्छादित किया जाएगा और आपकी समस्या का भी समाधान होगा राज्य की ग्रामीण जनता जिस बीडीओ- सीओ, दारोगा, कलेक्टर और एसपी को पहचानती तक नहीं है, वे पूरी टीम के साथ आपके दरवाजे पर योजनाओं की पोटली लेकर आ रहे हैं । आप इन योजनाओं को अपने घर के अंदर ले जाएं। हमारी सरकार पूरे मान- सम्मान के साथ आपको अपना हक- अधिकार देने का काम कर रही है। यह राज्य की जनता के द्वारा चलाई जा रही सरकार है। आपने हमें राज्य चलाने का जिम्मा दिया है। ऐसे में हमारा कर्तव्य है कि हम जनता की सेवा करें। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यह सरकार आपकी हर दुःख- सुख में आपके साथ खड़ी है। आपकी जो भी समस्याएं और परेशानियां होंगी, उसे दूर किया जाएगा । हम जो कहते हैं उसे अवश्य पूरा करते हैं। राज्य कैसे आगे बढ़े, इसे लेकर लगातार चिंतन मंथन करते हुए रणनीति के तहत कार्य कर रहे हैं। जब से हमारी सरकार वजूद में है , कोरोना महामारी और सुखाड़ जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन इन विपरीत परिस्थितियों के बीच भी राज्य की जनता को राहत देने का काम किया गया और अब विकास की रफ्तार को गति दी जा रही है । हमने झारखंड को वर्ष 2025 तक आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है। इसी लक्ष्य के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। हम इस राज्य को अपने दम पर खड़ा करेंगे, जहां उसे किसी से सहयोग की जरूरत नहीं पड़ेगी । अपने बलबूते इस राज्य को अव्वल राज्यों की श्रेणी में लाएंगे। झारखंड की आत्मा गांवों में बसती है और किसान गांव के रीढ़ हैं । ऐसे में सरकार किसानों को सशक्त और उनकी आय बढ़ाने के लिए पूरी ताकत के साथ काम कर रही है । किसानों के लिए कई योजनाएं चल रही हैं । बिरसा हरित ग्राम योजना के माध्यम से किसानों को फलदार पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। दीदी -बाड़ी योजना के जरिए बागवानी से जोड़ा जा रहा है । पूरे राज्य में किसान पाठशाला खोले रहे हैं, जहां कृषि की आधुनिक तकनीक की जानकारी दी जा रही है। हर खेत में पानी पहुंचे, इसके लिए सिंचाई योजनाओं पर तेज गति से काम हो रहा है। किसानों की सहायता के लिए कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई है। हमारी सरकार किसानों को सशक्त बना रही है। अब मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत लाभुकों को जो भी जानवर दिए जाएंगे, उसका बीमा भी होगा, ताकि पशुओं की मौत होने पर किसानों को आर्थिक नुकसान ना उठाना पड़े। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लाभुकों को अब भैंस भी मिलेगा। झारखंड से बड़ी संख्या में मजदूर दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं। इन प्रवासी मजदूरों के हित में भी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इस सिलसिले में हमारी सरकार विभिन्न राज्यों से करार करने जा रही है। इससे अगर किसी राज्य में झारखंड के किसी मजदूर को किसी तरह की समस्या होगी तो उनकी मदद के लिए राज्य सरकार आगे आएगी। मुख्यमंत्री ने मजदूरों से कहा कि वे अपना निबंधन श्रम विभाग के पोर्टल पर जरूर कराएं, ताकि सरकार के पास पूरा डाटा रहे कि कौन मजदूर किस राज्य में काम करने गया है यहां के नौजवानों ने अपने भविष्य को लेकर जो सपना देखा है, उसे पूरा करने का काम सरकार करेगी। सरकार यहां के बच्चे- बच्चियों की पढ़ाई का पूरा जिम्मा उठाने को तैयार है। यहां के नौजवानों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी से लेकर विभिन्न कोर्सेस को करने और विदेश में उच्च शिक्षा के लिए भी आर्थिक सहयोग कर रही है। नौजवान सरकार की योजनाओं से जुड़कर अपने करियर को नई उड़ान दे सकते हैं। वहीं, हजारों की संख्या में सरकारी नियुक्तियां हो रही हैं । निजी क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर युवाओं को ऑफर लेटर दिया गया है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से स्वरोजगार करने के इच्छुक युवाओं को सरकार के द्वारा पूंजी उपलब्ध कराई जा रही है। अब बच्चियों को पढ़ाई के लिए पैसे की चिंता करने की जरूरत नहीं है। उनकी पढ़ाई का सारा खर्च सरकार उठाएगी। बच्चियों को अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि उन्हें सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से जोड़ा जा रहा है ।अब यहां की बच्चियां पढ़- लिखकर इंजीनियर, डॉक्टर और अफसर बनेंगी। झारखंड युवावस्था में कदम रख चुका है। पिछले दो दशक के दौरान झारखंड की किसी ने चिंता नहीं की । इस वजह से यह राज्य पिछड़ता चला गया। लेकिन, हमारी सरकार सभी के सहयोग से झारखंड की तकदीर और तस्वीर बदलने को तैयार है। इसके लिए युवाओं को युवा राज्य के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 100 करोड़ 69 लाख 89 हज़ार रुपए की लागत से निर्मित 113 योजनाओं का उद्घाटन किया। वहीं, 75 योजनाओं की आधारशिला रखी । इन योजनाओं पर करीब 104 करोड़ रुपए ख़र्च होंगें। मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के 6 लाख 53 हज़ार 152 लाभुकों के बीच करीब 68 करोड़ 67 लाख रुपए की परिसंपत्ति बांटी।