चाईबासा /रांची : पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल के छोटानागरा थाना क्षेत्र के मारंगपोंगा क्षेत्र में आईईडी विस्फोट की घटना हुई है. बम विस्फोट में सीआरपीएफ की193वीं बटालियन के 2 जवान घायल हो गए हैं. छोटानागरा थाना क्षेत्र के मारंगपोंगा क्षेत्र में सर्च अभियान के दौरान नक्सलियों द्वारा बिछाया गया आईईडी बम ब्लास्ट हो गया. इस नक्सली हमले में सीआरपीएफ 193 बटालियन के एसआई असीम कुमार मंडल और जवान पार्थ प्रतिम डेघायल हो गये. बताया जा रहा है किएक जवान की स्थिति गंभीर बनी हुई है.घटना के बादघायल जवानों को रेस्क्यू कर छोटानागरा लाया गया.
ग्रामीण सूत्रों के अनुसार,घटना के तुरंत बाद छोटानागरा थाना से दो एम्बुलेंस और कुछ बोलेरो वाहनों को घटना स्थल की ओर रवाना किया गया था. इन वाहनों के जरिए घायल जवानों को निकालकर छोटानागरा थाना लाया गया. यहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से रांची भेजा गया है . बताया जा रहा है कि गंभीर रूप से घायल जवान को जल्द से जल्द बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी , ताकि उसकी जान बचाई जा सके.
* सुरक्षा घेरे में जकड़ा सारंडा का नक्सली बेल्ट
सारंडा का यह इलाका लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है,लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सुरक्षा बलों द्वारा लगातार चलाए गए अभियानों के कारण नक्सली संगठन अब सिमटते जा रहे हैं. अब वे अपने बचाव के लिए सुरक्षित माने जाने वाले इलाकों के चारों ओर सैकड़ों की संख्या में आईईर्ड सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं.
* नक्सली खात्मे के अंतिम दौर में,फिर भी सतर्कता जरूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि सारंडा के जंगलों में नक्सलियों की मौजूदगी अब अंतिम चरण में है,लेकिन यह खतरा पूरी तरह से टला नहीं है. इस घटना से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि सुरक्षाबलों को सतर्क रहने की आवश्यकता है.क्योंकि नक्सली अब भी छिपकर हमला करने की ताक में हैं. यह घटना न केवल नक्सली समस्या के जीवित रहने का संकेत देती है,बल्कि यह भी दर्शाती है कि सुरक्षा बलों को आधुनिक उपकरणों और रणनीतियों के साथ इन चुनौतियों का सामना करना होगा.
* नक्सलियों ने सारंडा छोटानागरा को बनाया नया ठिकाना, यही सारंडा एक दशक पूर्व हुआ करता था नक्सलियों का सबसे बड़ा कैंप
बता दे कि नक्सलियों के शीर्ष इनामी और हार्डकोर नक्सली सारंडा , छोटानागरा क्षेत्र में सक्रिय है और अपने दस्ते के साथ भ्रमणशील है। सारंडा को जो कभी यह दशक पहले नक्सलियों का सबसे बड़ा कैंप हुआ करता था और नक्सलों की सभी गतिविधि कर सारंडा से संचालित की जाती थी। सारंडा में लगातार कई वर्षों तक सुरक्षा बलों द्वारा अभियान चलाया जाने और दर्जन भर कैंप बनाए जाने के बाद नक्सली सारंडा छोड़कर कोल्हान और पोड़ाहाट के जंगलों में अपना नया ठिकाना बना लिया था। लेकिन वहां भी सीआरपीएफ और सुरक्षाबलों लगातार अभियान चलाया जा रहा था। जिसके बाद नक्सलियों ने फिर सारंडा को अपना नया ठिकाना बना लिया है । पुलिस और सुरक्षाबल सारंडा से भी नक्सलियो को खदेडने ने के लिए विगत कई वर्षों से अभियान चला रही है। सारंडा और पोडाहट में नक्सलियो के खिलाफ लगातार कई वर्ष अभियान चलने के बाद नक्सली अब फिर सारंडा को सुरक्षित ठिकाना बनाने में जुट गया है। और इस सारंडा क्षेत्र में नक्सलियों के दर्जनों हार्डकोर इनामी और कुख्यात नक्सली अपने दस्ते के साथ सक्रिय है । सारंडा मे डेरा जमाए हुए हैं। इसी सूचना के आधार पर बीते कई दिनों से नक्सलियो के खिलाफ सर्च अभियान सीआरपीएफ और जिला पुलिस द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है ।जिसमें सीआरपीएफ सुरक्षा वालों को काफी सफलता भी मिल रही है। नक्सलों के कैंप , बंकर , डंप और नक्सलों के उपयोग की सामग्री हथियार , गोली आदि बरामद हो रहे हैं। वही नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लगाए गए कई आईईडी बम भी बरामद हुए हैं ।हालांकि सर्च अभियान के दौरान आईईडी ब्लास्ट आदि की घटनाएं भी लगातार हो रही है और आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आकर जवान और ग्रामीण घायल हो रहे हैं। बता दे की जंगल पहाड़ी क्षेत्रों में नक्सलियों ने सुरक्षा कवच के रूप में आईईडी बमो का जाल बिछा कर रखा है जो सुरक्षाबलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है ।अब तक आईईडी ब्लास्ट में दर्जनों जवानों और ग्रामीणों की मौत हो चुकी है ,वहीं दर्जनों जवान और ग्रामीण आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आकर घायल हो चुके हैं .फिलहाल सभी घायल सीआरपीएफ जवानों को राज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है और भारी सुरक्षा के बीच इलाज जारी