निमिषा प्रिया 2011 में नर्स के तौर पर काम करने के लिए यमन गई थी। 2014 में उनके पति और बेटी भारत लौट आए, लेकिन वह वहीं रही ताकि परिवार को आर्थिक रूप से सहारा दे सकें। उन्होंने यमन के एक नागरिक तालाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक क्लीनिक शुरू किया ऐसा इसलिए क्योंकि विदेशी नागरिकों के लिए स्थानीय लोगों के साथ मिलकर ही क्लीनिक खोलने की इजाजत मिलती है। बाद में निमिषा ने आरोप लगाया की महदी ने फर्जी दस्तावेज के जरिए उनसे शादी का दावा किया, उनका यौन और मानसिक शोषन किया और पासपोर्ट जप्त करके उन्हें कैद में रखा।
निमिषा पर आरोप
निमिषा पर आरोप है कि उन्होंने 2017 में महदी को बेहोश करने के लिए दवा दी ताकि वह अपनी पासपोर्ट लेकर भारत लौट सके लेकिन महदी की मौत हो गई बाद में स्थानीय महिला हनान की मदद से उन्होंने शव के टुकड़े कर उन्हें पानी की टंकी में फेंक दिया 2020 में यमन की अदालत में उन्हें मृत्युदंड सुनाया और 2023 में हौती प्रशासन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने इस फैसले को बरकरार रखा।
भारत सरकार की कोशिश
मामला कूटनीतिक जटिलताओं और कानूनी पेचीदगियों के कारण उलझा हुआ है. भारत सरकार की ओर से की जा रही तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिली है।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच रिपोर्ट !
एयर इंडिया क्रैश रीपोर्ट : भारत की अब तक की सबसे भयावह विमान दुर्घटनाओं में से एक एअर इंडिया फ्लाइट...