रांची : राजधानी रांची में ईमानदारी से ड्यूटी निभा रहे एक थानेदार को उसकी कीमत चुकानी पड़ी। मामला कोतवाली थाना प्रभारी आदिकांत महतो से जुड़ा है, जिन्हें वाहन चेकिंग के दौरान एक वीवीआईपी के बॉडीगार्ड की स्कूटी रोकना भारी पड़ गया।
रविवार देर रात शहीद चौक के पास वाहन चेकिंग के दौरान थाना प्रभारी आदिकांत महतो ने एक स्कूटी को रोका। स्कूटी सवार ने खुद को वीवीआईपी का बॉडीगार्ड राघुवेंद्र कुमार सिंह बताया। गाड़ी रोके जाने से नाराज़ बॉडीगार्ड ने थानेदार से बहस शुरू कर दी और कथित तौर पर धमकी देते हुए कहा कि “थोड़ी देर में ट्रांसफर करवा देते हैं।”
बताया जा रहा है कि बॉडीगार्ड ने इसके बाद संबंधित वीवीआईपी को फोन कर पूरी जानकारी दी। सूचना मिलने पर कुछ ही देर में एसपी स्वयं मौके पर पहुंचे और बॉडीगार्ड से बातचीत की, लेकिन मामला शांत नहीं हो सका। हालात ऐसे बने कि देर रात ही थाना प्रभारी आदिकांत महतो को लाइनहाजिर करने का आदेश जारी कर दिया गया।
बाद में यह भी सामने आया कि संबंधित वीवीआईपी कोई और नहीं, बल्कि हाईकोर्ट के एक माननीय न्यायाधीश हैं।
यह घटना पुलिस व्यवस्था, ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों की सुरक्षा और कानून के समान पालन पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
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