नई दिल्ली : के प्रगति मैदान मे आयोजित तीन दिवसीय (3-5 नवंबर) वर्ल्ड फूड फेस्टिवल 2023 में आज देश के विभिन्न राज्यों द्वारा खाद्य प्रदर्शनी लगायी गयी, जिसमें विभिन्न राज्यों से आये व्यापारी एवं उद्यमी शामिल हुए।
इस फूड फेस्टिवल में कई राज्य इसमें भाग ले रहे हैं।झारखण्ड भी अपनी प्रदर्शनी को दर्शाने का एक बेहतरीन प्रयास कर रहा है। इस प्रदर्शनी के दौरान झारखंड से 15 से भी अधिक खाद्य प्रदर्शनी लगाया गया। ऐसे बहुत से खाद्य उत्पाद जो अन्य राज्यों में नहीं होते हैं और झारखंड में जिसका उत्पादन किया जाता है, उनके संबंध में प्रदर्शनी के माध्यम से जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रदर्शनी के माध्यम से झारखंड राज्य में होने वाले विभिन्न प्रकार के कृषि उत्पाद के महत्व को बताना है । वहीं इस प्लेटफार्म के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड के किसानों के उत्पाद को पहुंचाना है, ताकि किसानों को उचित मूल्य प्राप्त हो सके एवं उनके उत्पाद को व्यापक प्रचार प्रसार के साथ-साथ बढ़ावा भी मिले।
उक्त कार्यकम मे PPT के माध्यम से झारखण्ड राज्य में व्यापारी एवं उद्यमी को मिलने वाली सब्सिडी के बारे मे जानकारी दी गई:-
1. *ट्रांसपोर्ट सब्सिडीज टू इनकरेज एक्सपोर्ट*
2. *रीइंबर्समेंट मंडी टैक्स*
3. *50% फाइनेंस असिस्टेंट फॉर नेशनल 5 lakhs एंड फॉर इंटरनेशनल 10 lakhs*
4. *100% रीइंबर्समेंट ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी फॉर 5 ईयर*
5. *100% रीइंबर्समेंट ऑफ़ ए स्टैंप ड्यूटी एंड रजिस्ट्रेशन फी फॉर लैंड एक्विजिशन*
इस सब्सिडी के अंतर्गत यदि कोई उद्यमी देश के बाहर अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए स्टॉल लगाता है, तो 75% अथवा 4 लाख जो भी अधिक हो और जिसमें महिलाओं को विशेष कर 90% तक की सब्सिडीज दी जायेगी।यदि कोई उद्यमी झारखंड से बाहर अपने उत्पाद को ट्रांसपोर्ट करते हैं, तो 20 लाख रुपए प्रति वर्ष ट्रांसपोर्ट सब्सिडी प्रदान की जाएगाअन्य सब्सिडीज एवं इन्वेस्टमेंट अपॉर्चुनिटी* पर मिलने वाले लाभ के बारे में भी बताया गया जैसे: फूड प्रोसेसिंग यूनिट, कोल्ड चेन एंड प्रिजर्वेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, प्राइमरी प्रोसेसिंग कलेक्शन सेंटर,लार्ज मेगा- अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट एवं एनिमल फीड। झारखंड फूड एंड फीड प्रोसेसिंग पॉलिसी 2015 के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई।
इस दौरान झारखंड में विशेष कर होने वाले उत्पाद जैसे :- महुआ फ्लावर, हनी, जामुन, चिरौंजी, पलाश के बारे में बताया गया कि प्रोसेसिंग के अभाव में इनको बेहतर तरीके से एक्सपोर्ट नहीं किया जाता है, जिसकी बिक्री मे भी परेशानी आती है। कार्यक्रम के माध्यम से इनके उत्पादन एवं सब्सिडी एवं मिलने वाले इंसेंटिव के बारे में जानकारी दी गई।
झारखंड में क़ृषि के क्षेत्र में होने वाले उत्कृष्ट उत्पाद के आधार पर-:
बेल को दूसरा
लीची को तीसरा
मटर एवं बीन्स को चौथा
कटहल को पांचवां
पाइनएप्पल को छठा
और मिर्ची को सातवां
स्थान प्राप्त हुआ है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से अबू बकर सिद्दीकी सेक्रेटरी डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर एनिमल हस्बैंडरी एंड कॉपरेटिव गवर्नमेंट ऑफ़ झारखण्ड, जीतेन्द्र कुमार सिंह सेक्रेटरी इंडस्ट्री, माइंस कमिश्नर गवर्नमेंट ऑफ़ झारखण्ड, नन्द किशोर सिंह, एडिशनल प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेंटर, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट झारखण्ड, डॉ एम. एस मल्लिक, डीन फॉरेस्टरी डिपार्टमेंट, विरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी रांची, संजीव अड़ोरा, फाउंडर एंड डायरेक्टर साईं एग्रो exim pvt ltd एवं अन्य उपस्थित थे।