रांची :राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) झारखण्ड की 93वीं त्रैमासिक बैठक वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर के मुख्य अथिति के रूप में गरिमामयी उपस्थिति में प्रोजेक्ट भवन, धुर्वा, रांची के द्वितीय तक स्थित सभागार में संपन्न हुई। बैठक में वित्त विभाग के अधिकारी समेत भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड, राज्य के सभी अग्रणी बैंक एवं राज्य के 24 जिलों के अग्रणी जिला प्रबंधक भी शामिल हुए।
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अपने संबोधन में कहा कि “झारखण्ड राज्य के आर्थिक विकास में बैंकिंग क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्य में ऋण जमा अनुपात में निरंतर सुधार वित्तीय प्रणाली पर जनता का भरोसा परिलक्षित करता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह प्रगति समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले तिमाही ऋण जमा अनुपात (CD Ratio) 51.32% से बढ़कर 52.48% हुआ है जो धीमा है परन्तु सकारात्मक संकेत है।
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता समावेशी वित्तीय विकास (Inclusive Financial Growth) को सुदृढ़ करना है जिसके अंतर्गत बैंक ग्रामीण वंचित तबकों, लघु उद्यमियों, कृषकों एवं स्वरोजगार से जुड़े युवाओं को ऋण उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है।
वित्त मंत्री ने बैठक में 19 बैंकों का सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र में खराब प्रदर्शन, देवघर, पश्चिम सिंहभूम, रांची सहित 6 जिलों का DCC/DLBC बैठक नहीं होने, कुछ बैंकों द्वारा SLBC को समय पर आंकड़े उपलब्ध नहीं कराने, इंडसइंड बैंक का NPA लगभग 11 गुना बढ़ने, FINO बैंक का Inactive Banking Correspondance कम नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की एवं इसमें त्वरित सुधार एवं क्रियान्वयन पर बल दिया। आगे उन्होंने कहा कि योजनाबद्ध एवं समग्र प्रयास से इसमें कम समय में सुधार संभव है।
बैठक में वित्त मंत्री ने राज्य में बैंकिंग सुविधाओं के विस्तार और गुरूजी क्रेडिट कार्ड योजना की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने यह जानना चाहा कि प्रति एक लाख जनसंख्या पर कितनी बैंक शाखाएं होनी चाहिए। इस पर राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) के अधिकारियों ने जानकारी दी कि देश में औसतन प्रति एक लाख जनसंख्या पर 17 बैंक शाखाएं हैं, जबकि झारखण्ड में यह संख्या मात्र 10 है।
बैठक के दौरान यह भी बताया गया कि पिछले बैठक से अब तक केवल 13 नई बैंक शाखाएं खोली गई हैं। इस पर वित्त मंत्री ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस निमित वार्षिक योजना बनाकर शाखा विस्तार की गति में तेजी लाएं। इसके अतिरिक्त, गुरूजी क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत लंबित आवेदनों की समीक्षा के दौरान यह जानकारी दी गई कि वर्तमान में लगभग 1400 आवेदन लंबित हैं। इस पर वित्त मंत्री ने नाराजगी जताई और संबंधित बैंकों को 15 दिसंबर तक सभी लंबित आवेदनों का निस्तारण करने का सख्त निर्देश दिया।
वित्त मंत्री ने कहा बैंकर्स के ऊपर आर्थिक आय के साधन बढ़ाने की पूरी संभावना है। वर्तमान में राज्य की प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष आय 1,05,274 है, जबकि गिरिडीह, पलामू, चतरा, गढ़वा, दुमका, साहेबगंज आदि जिलों में यह मात्र 50-60 हजार के बीच है। प्रतिव्यक्ति आय को बढ़ाने में बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
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