रांची :भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुवर दास द्वारा राज्य सरकार पर लगाए गए आरोपों को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सिरे से खारिज किया है। झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि सत्ता से बाहर होने के बाद भाजपा नेताओं की आदत हो गई है झूठ और दुष्प्रचार का सहारा लेने की। आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों की चिंता करने का दिखावा करने वाले रघुवर दास से आज यह सवाल जनता पूछ रही है कि उनके मुख्यमंत्री रहते क्यों पेसा कानून को लागू करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए? क्यों आदिवासी समाज को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया? रघुवर जी आदिवासियों के इतने हितैषी थे, तो उनकी सरकार को जनता ने नकार कर श्री हेमंत सोरेन जी के नेतृत्व में लगातार दो बार इंडिया गठबंधन को सरकार बनाने के लिए जनादेश कैसे प्राप्त हुआ है ? भाजपा को अपनी नीति रीति में बदलाव करने की जरूरत है, राजनीतिक रणनीति तय करने का विवेक नहीं है तो झामुमो से भाजपा नेता मदद मांग सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान खनिज संसाधनों की खुली लूट हुई। बड़े-बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए ग्राम सभाओं को दरकिनार किया गया। रघुवर दास को बताना चाहिए कि उनके कार्यकाल में कितने ग्राम सभाओं से राय लेकर खनन पट्टा दिए गए थे? पेसा कानून का मसौदा तैयार कर कैबिनेट तक ले जाने की हिम्मत भाजपा सरकार क्यों नहीं जुटा सकी?
विनोद पांडेय ने कहा कि हेमंत सरकार ने पेसा नियमावली पर गंभीरता से काम किया है। विभिन्न विभागों से सुझाव लेकर इसे अंतिम रूप देने की प्रक्रिया जारी है। झामुमो सरकार आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा नेताओं को यह बात याद रखनी चाहिए कि न्यायालय ने भी कई बार उनके शासनकाल की खामियों पर टिप्पणी की थी।
नगर निकाय चुनाव को लेकर लगाए गए आरोप पर विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा की नीयत ही पिछड़ों को उचित प्रतिनिधित्व देने की नहीं रही। ट्रिपल टेस्ट का पालन किए बिना चुनाव कराने का दबाव डालना दरअसल भाजपा का पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा उजागर करता है। हेमंत सरकार ने माननीय अदालत के निर्देशानुसार प्रक्रिया पूरी करने की दिशा में कदम उठाए हैं, ताकि सभी तबकों को न्याय मिल सके।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए लोकतंत्र सिर्फ सत्ता पाने का जरिया है, जबकि झामुमो सरकार जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर रही है। दलाल, बिचौलियों और विदेशी ताकतों के साथ काम करने का आरोप लगाने वाले रघुवर दास को पहले अपने कार्यकाल के भ्रष्टाचार, सीएनटी-एसपीटी उल्लंघन और कॉरपोरेटपरस्ती का हिसाब देना चाहिए।
पांडेय ने कहा कि भाजपा नेताओं को समझना चाहिए कि झारखंड की जनता अब भ्रमित होने वाली नहीं है। आदिवासी, दलित और पिछड़े समाज ने देखा है कि किस तरह भाजपा सरकार ने उनके अधिकारों को दबाने का काम किया और आज झामुमो सरकार उन्हें सशक्त बनाने की राह पर अग्रसर है।
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