रांची :भाजपा नेता बताएं वे कानून के राज के पक्ष में हैं या अवैध कब्जे के : विनोद पांडेय
झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनका बयान हताशा और राजनीतिक अवसरवाद का परिचायक है। जब भाजपा सत्ता में थी, तब झारखंड की जनता के कष्ट और आपदाओं पर उनकी सरकार आंख मूंदे बैठी थी, आज वही लोग संवेदना का दिखावा कर रहे हैं।
विनोद पांडेय ने कहा कि झामुमो नेतृत्व वाली सरकार संवेदनशील और जवाबदेह सरकार है। कानून और न्यायालय के आदेशों का सम्मान करना हमारी प्राथमिकता है। सरकार न्यायालय के निर्देशों का पालन करती है। भाजपा नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे कानून के राज के पक्ष में हैं या अवैध कब्जे के।
उन्होंने कहा कि मुआवज़े का प्रश्न नियम और कानून के दायरे में तय होता है, न कि किसी राजनीतिक दबाव में। सरकार हर वास्तविक पीड़ित के साथ खड़ी है, लेकिन भाजपा चाहती है कि अवैध निर्माण, भ्रष्टाचार और मिलीभगत को राजनीतिक संरक्षण मिले। यही वजह है कि वे अफसरों और बिल्डरों की जवाबदेही से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
विनोद पांडेय ने आगे कहा कि पेसा कानून हो या आदिवासी हितों का सवाल, भाजपा का इतिहास सबके सामने है। जिन लोगों ने वर्षों तक आदिवासी अधिकारों को दबाए रखा, वे आज दिखावटी चिंता जता रहे हैं। झामुमो सरकार ने पेसा सहित आदिवासी हितों से जुड़े कानूनों को लागू करने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं। फलाफल जल्द सामने आएगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा को न्यायालय के नाम पर राजनीति करने से पहले यह बताना चाहिए कि उनकी सरकारों के दौरान जनता को कितनी बार न्याय के लिए सड़कों और अदालतों के चक्कर लगाने पड़े। झामुमो सरकार जांच और कार्रवाई में किसी तरह की अड़चन नहीं डालेगी, बल्कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगी—चाहे वे अफसर हों, बिल्डर हों या किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हों।
उन्होंने कहा कि भाजपा को जनता को गुमराह करने की बजाय आत्ममंथन करना चाहिए। झारखंड की जनता जानती है कि कौन उनके हक में खड़ा है और कौन सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए बयानबाजी कर रहा है।
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