रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा के दो दिवसीय केंद्रीय महाधिवेशन के पहले दिन राजनीतिक प्रस्ताव में जातिगत जनगणना, ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण, 1932 आधारित स्थानीय नीति, वक्फ कानून में संशोधन का विरोध, निजी क्षेत्र में स्थानीय के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण, सरना धर्म कोड, राज्य समेत पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने की बात शामिल है। साथ ही परिसीमन का विरोध का जिक्र है। इसके साथ ही झामुमो का असम, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल तक विस्तार का ऐलान किया गया। वक्फ संशोधन अधिनियम पर विरोध जताते हुए कहा गया कि इससे अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन हो रहा है। भूमि राज्य का विषय है, लेकिन केंद्र ने वक्फ संशोधन से पहले राज्य से सलाह नहीं ली। धर्म और जाति के नाम पर आतंक का वातावरण बनाया जा रहा है। झारखंड में इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए।
झारखण्ड प्लस टू शिक्षक संघ ने इसके विरोध में आंदोलन करने की घोषणा की !
राँची :झारखण्ड राज्य सरकार के द्वारा पीजीटी-टीईटी संवर्ग के पदों को मर्ज करने के फैसले का विरोध तेज हो गया...