रांची : राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज राज्य संग्रहालय सभागार, खेलगांव, होटवार, राँची में “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के तहत आयोजित सांस्कृतिक संध्या के अवसर पर कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की पावन धरती पर इस प्रकार के दूरदर्शी कार्यक्रम का आयोजन होना न केवल झारखण्ड, बल्कि पूरे पूर्वी भारत के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एवं ईस्टर्न ज़ोनल कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष डॉ० सी०वी० आनंद बोस तथा गोवा से आए कलाकारों का हार्दिक स्वागत किया।
राज्यपाल ने कहा कि भारत की पहचान केवल भौगोलिक सीमाओं से ही नहीं, बल्कि इसकी विविधता और समृद्ध संस्कृति से है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के कथन का स्मरण करते हुए कहा कि “भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, बल्कि जीता-जागता राष्ट्रपुरुष है।” उन्होंने कहा कि झारखण्ड की जनजातीय परम्पराएँ—नगाड़े, मांदर, छऊ नृत्य, हमारी पीढ़ियों की धरोहर हैं, वहीं गोवा अपनी समुद्री धुनों और लोकगीतों के लिए विख्यात है। आज का यह आयोजन दोनों राज्यों की सांस्कृतिक परम्पराओं को जोड़ने का माध्यम बना है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 31 अक्तूबर 2015 को लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री का विश्वास है कि भारत की शक्ति उसकी विविधता में है।
राज्यपाल ने कहा कि राज भवन, राँची में भी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्थापना दिवस मनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज झारखण्ड और गोवा के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम केवल कला का प्रदर्शन नहीं, बल्कि आपसी सहयोग, समझ और भाईचारे का उत्सव है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में “विविधता में एकता” का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है और यही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।
राज्यपाल ने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन हमारी परम्पराओं और विरासत को जीवंत रखने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि विविधता में एकता की भावना को हृदय में जीवित रखते हुए, एक-दूसरे की संस्कृति के प्रति आदर भाव बनाए रखें।
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