रांची :मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन के कार्यकाल में जिले का एसपी बदलने से बचाने के लिए पूरे आईपीएस बैच का प्रमोशन रोकना राज्य की जनता देख चुकी है। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक अवैध-लुटेरे डीजीपी को बचाने के लिए डीएसपी का आईपीएस में प्रमोशन तक रोकने की मिसाल भी हेमंत सरकार में ही देखने को मिली। लेकिन अब तो सीमाएं और आगे बढ़ चुकी हैं।
कहा कि डीएमएफ टी घोटाले में चर्चित आईएएस अधिकारी आदित्य रंजन फिलहाल धनबाद के डीसी हैं। हैरानी की बात यह है कि तबादला हो जाने के बावजूद पिछले पाँच महीनों से वे आईटी निदेशक के पद पर भी जमे हुए हैं।
कहा कि सवाल यह है कि यह व्यवस्था आखिर किस आधार पर चल रही है? एक ही समय पर धनबाद और रॉंची के दो पदों पर टिके रहने का औचित्य क्या है? क्या यह इतनी असाधारण प्रतिभा रखते हैं कि रांची में बैठे तमाम अधिकारी आईटी निदेशक बनने योग्य ही नहीं हैं? या फिर आपकी नीति “जितना बड़ा दुराचारी, उतना बड़ा पदाधिकारी” का ये एक और उदाहरण हमारे सामने है?
कहा कि अगर वास्तव में यही स्थिति है कि राजधानी में इस पद के लिये दूसरे कोई योग्य अधिकारी ही नहीं हैं, तो उन अधिकारियों को कुर्सी तोड़ने के लिए बैठाए रखने की बजाय उन्हें नौकरी से निकाल बाहर करिये।
कहा कि राज्य को प्रशासनिक ढोंग और पद संरक्षण की राजनीति नहीं, पारदर्शिता और जवाबदेही की ज़रूरत है।
मंत्री दीपिका पांडे सिंह का आदेश बेअसर !
रांची : झारखंड सरकार में ग्रामीण विका मंत्री दीपिका पांडे सिंह के आदेश का विभाग पर कोई असर नहीं पड़ा...











