भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा निशाना साधा है।
मरांडी ने कहा कि झारखंड में कुछ पुलिस अधिकारी कानून को अपनी निजी रंजिशें निकालने का माध्यम बना चुके हैं। कोई अधिकारी बिहार में अपने पारिवारिक ज़मीन विवाद को लेकर विपक्ष पर झारखंड में झूठा मुकदमा दर्ज कर रहा है, तो कोई मुफ्त में मीट न देने पर दुकानदार पर फर्जी केस थोप रहा है।
कहा कि पतरातू में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां मीट दुकान संचालित करने वाले राजेश साव जी पर पुलिस पदाधिकारियों को मुफ्त में मीट न देने के कारण कथित रूप से आर्म्स एक्ट का झूठा मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया।
कहा कि इस मामले में आरोपी की पत्नी जांच की मांग कर रही है, जबकि पुलिस का दावा है कि युवक को रात में ‘योजना बनाते’ हुए पकड़ा गया।
कहा कि राजेश साव की पत्नी का कहना है कि उसके पति को फोन कर थाने बुलाया गया था। ऐसे विरोधाभासी बयान खुद पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
कहा कि हेमंत सोरेन जी द्वारा विरोधियों पर फर्ज़ी केस लगाकर जेल भेजने की जो कुप्रथा शुरू हुई थी, लगता है अब उसे पुलिस अधिकारियों ने भी अपनाना शुरू कर दिया है।
कहा कि घोटाले के मामले में लगभग 6 महीने जेल काट चुके हेमंत जी को शायद यह समझ आ चुका होगा कि सेर को सवा सेर जरूर मिलता है और दूसरों के लिए गड्ढा खोदने का परिणाम क्या होता है… लेकिन पुलिस अधिकारियों को अब तक यह सीख समझ नहीं आ पाई है।
कहा कि रामगढ़ पुलिस उक्त मामले में पीड़िता के आवेदन के आधार पर थाना परिसर की CCTV फुटेज और कॉल डिटेल्स की तुरंत जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई करे।
उन्होंने उच्च न्यायालय से भी निवेदन किया कि पिछले छह वर्षों के दौरान झारखंड में दर्ज हुए आर्म्स एक्ट, NDPS एक्ट, राजद्रोह तथा SC/ST एक्ट के सभी मामलों की जांच रिपोर्ट की समीक्षा की जाए, ताकि फर्ज़ी केस के माध्यम से आम जनता को प्रताड़ित किए जाने की भयावह सच्चाई उजागर हो सके।
पद संरक्षण की मिसाल पेश कर रही हेमंत सरकार…..बाबूलाल मरांडी !
रांची :मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन के कार्यकाल में जिले का एसपी बदलने से बचाने के लिए पूरे आईपीएस...












