पटना, बिहार — झारखंड की ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडे सिंह आज पटना में Friedrich Ebert Stiftung (FES) द्वारा आयोजित “Creating Women’s Manifesto in Bihar” कार्यक्रम में शामिल हुईं, जहाँ उन्होंने महिला आरक्षण, राजनीतिक भागीदारी और नेतृत्व में महिलाओं की निर्णायक भूमिका पर प्रभावशाली संबोधन दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा
अगर लोकतंत्र को सच में संवेदनशील और जवाबदेह बनाना है, तो महिलाओं को हाशिये पर नहीं, नेतृत्व के केंद्र में लाना ही होगा। उनकी सहभागिता देश की दिशा तय करती है।
उन्होंने राजनीतिक दलों से दो-टूक आग्रह किया कि मेनिफेस्टो और संगठनात्मक ढाँचे में महिलाओं को सिर्फ स्थान नहीं, बल्कि निर्णय-निर्माण की शक्ति दी जाए।
सिंह ने स्पष्ट कहा कि महिला आरक्षण को केवल स्थानीय निकायों तक सीमित रखना पर्याप्त नहीं है।
असली बदलाव तभी दिखेगा जब विधानसभा और संसद में भी महिलाओं को समान अवसर और प्रभावी प्रतिनिधित्व मिलेगा।
उन्होंने जोर दिया कि महिलाओं का सशक्त राजनीतिक उदय सिर्फ एक अपेक्षा नहीं, बल्कि एक आवश्यक लोकतांत्रिक सुधार है, जो समाज और राजनीति दोनों को मजबूत बनाएगा।
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