रांची :कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि निदेशक (वित्त) श् पवन कुमार मिश्रा एवं निदेशक (तकनीकी/संचालन) चंद्र शेखर तिवारी द्वारा शहीद स्मारक पर वीर शहीद कोल श्रमिकों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि देने से की गई।
इसके पश्चात निदेशक (वित्त) पवन कुमार मिश्रा द्वारा कोल इंडिया के ध्वज तथा निदेशक (तकनीकी/संचालन) चंद्र शेखर तिवारी द्वारा सीसीएल के ध्वज का झंडोत्तोलन किया गया। अवसर विशेष पर सीसीएल के सभी क्षेत्रों के ध्वजों का झंडोत्तोलन भी किया गया।
झंडोत्तोलन के उपरांत कोल इंडिया गीत प्रस्तुत किया गया तथा रंग-बिरंगे गुब्बारे छोड़कर ऊर्जा और एकता के प्रतीक का संदेश दिया गया।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए निदेशक (वित्त) पवन कुमार मिश्रा ने सभी को स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि “कोल इंडिया के कर्मी अपने मूल्यों और परंपराओं को याद करते हुए भविष्य की दिशा तय करते हैं। कोयला, न्यूक्लियर और पेट्रोलियम देश की ऊर्जा के तीन प्रमुख स्रोत हैं, जिनमें से लगभग 80 प्रतिशत योगदान कोयले और कोल इंडिया का है। कोयला आज भी सबसे सस्ती और सुलभ ऊर्जा का माध्यम है।उन्होंने आगे कहा की कोल इंडिया और सीसीएल देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए कृत संकल्पित हैं ”
वहीं, निदेशक (तकनीकी/संचालन) चंद्र शेखर तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि “कोल इंडिया निरंतर प्रगति, नवाचार और तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक रहा है। हमने पिछले 51 वर्षों में आधुनिक मशीनों और अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाते हुए नई ऊंचाइयां हासिल की हैं। यह यात्रा निरंतर विकास की प्रेरक कहानी है क्योंकि ‘डेवलपमेंट इज नेवर एंडिंग’।’’
इस अवसर पर कोल इंडिया और सीसीएल के वीर शहीद कर्मियों को नमन किया गया और उनके योगदान को याद किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष, अधिकारी, कर्मचारी एवं श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि, बड़ी संख्या में कर्मी उपस्थित रहे
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